उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के नकलची छात्र प्रकरण में तीन सदस्य कमेटी गठित




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NEWS127
त्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के नकलची छात्र प्रकरण में तीन सदस्यों की एक कमेटी गठित कर दी गई है। परीक्षा कक्ष में छात्र के मोबाइल लेकर पहुंचने को लेकर छात्र संगठनों की ओर से सोशल मीडिया पर सवाल उठाए जा रहे है। परीक्षा कक्ष में पहुंचने से पहले छात्रों की जाने वाली जांच पर भी आंच आ रही है। इस आंच को साफ करने के लिए कुलपति डॉ दिनेश चंद्र शास्त्री के निर्देशों पर गठित तीन सदस्य कमेटी बनाई गई है। जो पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
हालांकि मोबाइल से नकल करते हुए रंगेहाथो पकड़े गए बीएड के छात्र सागर खेमरिया के गोल्ड मेडल हासिल करने और उसकी योग्यता पर कोई प्रश्न चिन्ह विश्वविद्यालय नही लगा रहा है। लेकिन परीक्षा केंद्र के अंदर के नकल करने वाले प्रकरण को विश्वविद्यालय ने पूरी गंभीरता से लिया है। विश्वविद्यालय में आदर्श और अनुशासन की परम्परा को कायम रखने के लिए एक नजीर पेश करने का पूरा इरादा है।
31 मई 2025 को उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर के परीक्षा कक्ष में शनिवार सुबह करीब 10 से 1:00 बजे के बीच बीएड की सेमेस्टर परीक्षा चल रही थी। विवि प्रशासन के अनुसार करीब 48 छात्र परीक्षा कक्ष में उपस्थित थे। परीक्षा के दौरान करीब 12:30 बजे उड़न दस्ता परीक्षा हॉल में पहुंचा और छात्रों की चेकिंग शुरू कर दी। उड़न दस्ते की टीम ने एक छात्र के पास से मोबाइल बरामद किया। मोबाइल पर इंटरनेट से प्रश्नों को हल किया जा रहा था। छात्र का नाम सागर खेमरिया पता चला। उड़न दस्ते की टीम ने मोबाइल, कॉपी को कब्जे में लिया और छात्र से नकल करने की लिखित प्रति ली। परीक्षा केंद्र प्रभारी बिंदुमति द्विवेदी ने मौके पर ही नकलची छात्र की तत्काल परीक्षा कॉपी और मोबाइल को सीज कर दिया और छात्र को दूसरी कॉपी देकर उसकी परीक्षा संपन्न कराई।
लेकिन इस प्रकरण ने विश्वविद्यालय की आंतरिक राजनीति और छात्र राजनीति के बीच बवाल मचा दिया।
परीक्षा कक्ष के अंदर मोबाइल पहुंचने को लेकर छात्र संगठनों ने कई सवाल उठाए। परीक्षा देने वाले छात्रों की चेकिंग और कक्ष नियंत्ररक की मौजूदगी पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया। लेकिन उड़न दस्ते की सक्रियता और निष्ठा ने नकल प्रकरण में दायित्वों के प्रति कर्तव्यनिष्ठा को प्रमाणित किया।