नवीन चौहान, हरिद्वार। एस.एम.जे.एन. कॉलेज में आज अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाष दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मातृभाषा दिवस को मनाने के उद्देश्य, भारतीय भाषाओं और भाषाई विविधता को बढ़ाना देने, भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लिया गया।
इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार बत्रा ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की शुभकामनायें देते हुए कहा कि सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को द्वारा वर्ष 1999 में 21 फरवरी को अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने की घोषणा की गयी थी। आज पूरी दुनिया 19वां अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मना रही है। डॉ. बत्रा ने बताया कि भाषा संवाद के माध्यम से कहीं बढ़कर मानवता की एक बेहद जरूरी बुनियाद है। हमारे मूल्य, हमारी मान्यतायें और हमारी पहचान इसमें सन्निहित हैं। डॉ. बत्रा ने बताया कि भाषा एक भावनात्मक मुद्दा है, क्योंकि यह हमारे सामाजिक जीवन से जुड़ी है। यह भावनाओं और विचारों की अभिव्यक्ति को सशक्त बनाती है। यह सामूहिक पहचान और बन्धुत्व को बढ़ाती है। हम अपने विचारों को अपनी मातृभाषा में कहीं बेहतर तरीके से व्यक्त कर सकते हैं। 
डॉ. बत्रा ने बताया कि भारत विविध् भाषाओं और संस्कृतियों का संगम स्थल है। भारतीयों को अपनी मातृभाषा में व्यवहार करने पर गर्व महसूस होना चाहिए। मातृभाषा का वृहद स्तर पर प्रोत्साहन साक्षरता के विस्तार का सर्वोत्तम विकल्प हो सकता है। यदि मातृभाषा में क्षमतायें निखरती हैं तो किसी छात्र-छात्रा द्वारा अन्य भाषा को सीखने की सम्भावनायें भी बढ़ती हैं। उन्होंने समस्त छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि हमें अपनी मातृभाषा में ही अपने हस्ताक्षर करने चाहिए।
हिन्दी विभाग की शिक्षिका डॉ. आशा शर्मा व डॉ. निशा शर्मा ने संयुक्त रूप से कहा कि भाषा संस्कृति की जीवन रेखा होती है। भारत ने हमेशा विविधता और बहुलता में विश्वास किया है। भाषा केवल संचार में ही अहम भूमिका नहीं निभाती अपितु सहभाषियों को एक धागे में पिरोने का भी काम करती है।
इस अवसर पर डॉ. जगदीश चन्द्र आर्य, डॉ. सुषमा नयाल, डॉ. किरण असवाल, डॉ. कुसुम नेगी, कार्यालय अधीक्षक मोहन चन्द पाण्डेय, वेद प्रकाश चौहान , राजकुमार, संजीत कुमार, डॉ. मनोज सोही, डॉ. रिंकू बतरानी, डॉ. रीतू चौधरी , डॉ. शिवकुमार चौहान , अंकित अग्रवाल, डॉ. विशाखा शर्मा, डॉ. निवेदिता शर्मा, सहित कॉलेज के छात्र रजत मिश्रा, आरती सैनी, सचिन कश्यप, मोईन खान, सलीम अली, मीनाक्षी, हसीन, विवेक ठाकुर, तनुप्रिया, भव्या, मानस, संरोज, सम्राट कुमार, काजल, राध, प्रगति, पल्लवी, अभिषेक, तन्मय आदि छात्र-छात्रा उपस्थित थे।
सहभाषियों को एक धागे में पिरोने का कौन करता है काम, जानिए पूरी खबर




