नवीन चौहान
पहाड़ों में अब पलायन की नहीं, प्रवास की बात हो रही है। एक समय था जब उत्तराखंड के युवाओं को रोज़गार के लिए मैदानों की ओर रुख करना पड़ता था। लेकिन अब वही उत्तराखंड रोज़गार का नया केंद्र बन रहा है। ‘उत्तराखंड निवेश उत्सव – 2025’ के ऐतिहासिक मंच से आज़ रोज़गार, विकास और आत्मनिर्भरता का एक नया युग शुरू हो गया है। 1.01 लाख करोड़ के धरातली निवेश ने सिर्फ उद्योगों को नहीं जगाया, बल्कि 81,327 युवाओं के सपनों को पंख दिए हैं। जिससे रोजगार की आस जगी है। युवाओं के भविष्य को नई दिशा मिली है।
धामी और शाह की जोड़ी ने रचा बदलाव का मंत्र
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पारदर्शी योजनाओं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समर्थन ने राज्य को ऐसा आधार दिया है, जिससे उत्तराखंड अब निवेश और रोज़गार की भूमि बनकर उभर रहा है। अमित शाह ने कहा “उत्तराखंड की सरकार नारे नहीं देती, धरातल पर काम करती है। यहां निवेश का अर्थ है नौकरियों की बाढ़।” पुष्कर सिंह धामी बोले —”ये केवल शिलान्यास नहीं, भविष्य निर्माण है। हमारी कोशिश है कि यहां का युवा, यहीं काम करे, यहीं अपने भविष्य के सपने पूरे करे।”
निवेश से उपजे रोजगार: आंकड़े जो दिल को सुकून दें
क्षेत्र, अनुमानित रोजगार
उद्योग 44,663, ऊर्जा 8,472, आवास 5,172, पर्यटन 4,694, उच्च शिक्षा 4,428, अन्य क्षेत्र 13,898 कुल मिलाकर 81,327 और ये संख्या अब भी बढ़ रही है…
निवेश नहीं, नव निर्माण है ये
कभी बेरोजगारी और पलायन का चेहरा रहे कुमाऊं और गढ़वाल के जिलों में अब बस टर्मिनल, मल्टीलेवल पार्किंग, पॉलीटेक्निक कॉलेज, महिला छात्रावास, लॉजिस्टिक हब और तकनीकी संस्थान बन रहे हैं।
राज्य की नीतियाँ अब केवल कागज़ पर नहीं, ज़मीन पर दौड़ रही हैं।
आगे क्या? उत्तराखंड बनेगा युवा उद्यमियों का हब
260 से ज्यादा सेवाएं ऑनलाइन, 200 करोड़ का वेंचर फंड, “निवेश मित्र” पोर्टल, स्टार्टअप पॉलिसी, सिंगल विंडो सिस्टम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स…ये सब मिलकर राज्य को बना रहे हैं देश का सबसे तेज़ी से बढ़ता निवेश गंतव्य।
ये केवल कार्यक्रम नहीं, एक क्रांति है
रुद्रपुर में हुआ यह कार्यक्रम केवल सरकारी घोषणाओं की गूंज नहीं था, यह हर उस युवा के सपने की दस्तक थी जो अपने गांव-शहर में ही कुछ बनना चाहता है।
एक लाख करोड़ के निवेश और 80 हजार से अधिक रोजगार के साथ उत्तराखंड ने विकसित भारत 2047 की दौड़ में एक तेज़ कदम बढ़ा दिया है। देखना वाली बात यह है कि यह कार्यक्रम महज कार्यक्रम ही बनकर ना रह जाए। अगर वास्तव में धरातल पर कार्य हुआ तो युवाओं के सपनों को पंख लगेंगे।
उत्तराखंड में उम्मीदों का सूर्योदय: एक लाख करोड़ का निवेश, 80 हजार से ज़्यादा युवाओं को मिलेगा रोज़गार




