नवीन चौहान,
हरिद्वार। योग गुरू स्वामी रामदेव ने कहा कि योग, आयुर्वेद व वैदिक संस्कृति का पतंजलि योगपीठ महातीर्थ है। उन्होनें कहा कि पतंजलि के प्रोडक्शन हाउस में बहुत कुछ तैयार हो रहा है। सामान बनाना हमारा साधन है और देशभक्त इंसान बनाना हमारा साध्य है। इसीलिये पतंजलि योगपीठ वैदिक ज्ञान से परिपूर्ण एक हजार विद्वान सन्यासी तैयार करेंगा। जो भारत की ऋषि परंपरा को आगे बढ़ाकर वैदिक आध्यात्मिक भारत के सपने को साकार करेंगे।

पतंजलि योगपीठ में आयुर्वेद भवन के उद्घाटन अवसर पर योगगुरू स्वामी रामदेव ने अपने दिल की बातों और अपने सपने को खुलकर व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पतंजलि हर वर्ष नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। आज नए 5 नए कीर्तिमानों के साथ 64 वर्ल्ड रिकार्ड पतंजलि ने बनाए है। स्वामी रामदेव ने कहा कि हम जो करें वो इतिहास बनें। इतिहास पढ़ना गौरव की बात है। उससे प्रेरणा मिलती है। लेकिन इतिहास गढ़ना वह और उससे भी बड़े गौरव की बात है। आप सभी के सहयोग से 50 वर्षों की इस यात्रा में पतंजलि योगपीठ ने 64 विश्व कीर्तिमान बनाए हैं। पतंजलि के कीर्तिमानों से सवा सौ करोड़ देशवासियों को गौरव मिलता है।
उन्होंने कहा कि पतंजलि योगपीठ इस साल एक और ऐतिहासिक कार्य करने जा रहा है। वह ऋषियों की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिये उत्तराधिकारी बना रहे है। उन्होंने कहा कि राजनीति, व्यवसाय, चिकित्सा सभी क्षेत्रों में उत्तराधिकारी होते है। लेकिन ऋषियों की परम्परा का उत्तराधिकारी कौन होगा ये बड़ा सवाल रहता है। उन्होंने कहा कि पतंजलि योगपीठ रामनवमी पर ऋषियों के 50 उत्तराधिकारी सन्यासी तैयार कर रहे हैं। आने वाले 10-20 सालों में पतंजलि इस देश को एक हजार से ज्यादा विद्वान योग्य सन्यासी देगा। जो अपनी ऋषि परम्परा को अक्षुण रखेंगें। वैदिक साम्राज्य का दबदबा होगा। वैदिक आध्यात्मिक भारत वसुदैव कुटुम्बकम का सपना पूरा होगा। और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस भारत का निर्माण करना चाहते हैं वह इसी तरह पूरा होगा। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत, आयुष मंत्री हरक सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, आचार्य बालकृष्ण, जिलाधिकारी दीपक रावत, एसएसपी कृष्णकुमार वीके व पतंजलि योगपीठ के सैकड़ों लोग मौजूद थे।

स्वामी रामदेव के दो बड़े कार्य
स्वामी रामदेव ने कहा कि योग और आयुर्वेद के पर्याय इस पतंजलि योगपीठ में पांडूलिपि एवीडेंस बेस मेडिसिन के रूप में विश्व रूप में प्रतिष्ठा दिलाना है। इन दो बड़े कार्यों को पूरा करना है। जो आयुष मंत्रालय के सहयोग से भारत सरकार आयुर्वेद विश्वविद्यालय के माध्यम से उत्तराखण्ड सरकार और पतंजलि योगपीठ की साधना ये तीनों मिलकर हर 6 माह में इसका मूल्यांकन करते रहेंगें और पतंजलि अनुसन्धान संस्थान कार्य करेगा। चाहे दो औषधियों को मान्यता दिलायें या 10 को ऐसी सैकड़ों औषधियों को विश्व पटल पर मान्यता दिलायेंगें।





