आंचल सहगल ने रचा इतिहास: 1 मिनट में 33 शब्द लिखकर ‘अप्स एंड डाउन’ इंग्लिश वर्णमाला में बनाया नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड




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न्यूज 127/हरिद्वार।
तीर्थनगरी हरिद्वार की प्रतिभाशाली बेटी व सहगल परिवार की बहू आंचल सहगल ने अपनी मेहनत, लगन और अद्वितीय प्रतिभा के बल पर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवा कर इतिहास रच दिया है। उन्होंने ‘अप्स एंड डाउन’ इंग्लिश वर्णमाला के शब्दों को लिखने में नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है। यह उपलब्धि उन्होंने मात्र एक मिनट में 33 शब्द लिखकर हासिल की, जबकि इससे पहले विश्व रिकॉर्ड 29 शब्दों का था।

अथक अभ्यास के बल पर दिखाया कमाल
आंचल का यह प्रदर्शन न केवल हरिद्वार बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय है। ‘अप्स एंड डाउन’ इंग्लिश वर्णमाला लेखन एक बेहद चुनौतीपूर्ण और एकाग्रता मांगने वाली कला है, जिसमें अक्षरों को ऊपर-नीचे (up & down) क्रम में लिखना होता है। इसमें स्पीड, शुद्धता और मानसिक फुर्ती की अहम भूमिका होती है। आंचल ने अपनी महीनों की तैयारी और अथक अभ्यास के बल पर यह कमाल कर दिखाया।

आंचल की उपलब्धि से समाज में खुशी की लहर
आंचल सहगल प्रतिष्ठित व समाजसेवी सहगल परिवार की वधु हैं, जिनके परिवार का नाम समाज सेवा और सांस्कृतिक गतिविधियों में सम्मान के साथ लिया जाता है। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि से तीर्थनगरी का मान-सम्मान और बढ़ गया है। जैसे ही यह खबर फैली, परिवार, मित्र, शुभचिंतक और स्थानीय नागरिक बधाई देने उनके पास पहुंचने लगे। सोशल मीडिया पर भी उनके नाम की चर्चा होने लगी और लोग गर्व से उनका उदाहरण पेश करने लगे।

बचपन से खुद को चुनौती देने की ललक
अपनी सफलता के पीछे की कहानी बताते हुए आंचल ने कहा, “बचपन से ही मेरे अंदर कुछ नया करने और खुद को चुनौती देने की ललक थी। लेखन कार्य मेरा जुनून रहा है, और मैंने लंबे समय तक इस पर मेहनत की है। यह सफलता मेरे परिजनों के आशीर्वाद और अपने निरंतर अभ्यास का नतीजा है। मुझे खुशी है कि मेरी यह उपलब्धि मेरी जन्मभूमि और परिवार के नाम हुई है।” उन्होंने इस उपलब्धि के लिए अपने माता-पिता, पति और पूरे परिवार का आभार व्यक्त किया और कहा कि आगे भी वह इसी तरह नए लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें हासिल करने का प्रयास करती रहेंगी।

आंचल की उपलब्धि भावी पीढ़ी के लिए मिसाल
आंचल की यह उपलब्धि युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है कि अगर मन में लक्ष्य तय कर निरंतर अभ्यास और समर्पण से काम किया जाए तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। उनका कहना है कि “सपनों को पूरा करने के लिए केवल प्रतिभा नहीं, बल्कि अनुशासन, समय प्रबंधन और धैर्य सबसे बड़ी कुंजी हैं।”