– केंद्र सरकार की योजनाओं और ऋण वितरण की स्थिति पर वित्त राज्य मंत्री ने दिया विस्तृत जवाब
संवाददाता, नई दिल्ली।
हरिद्वार लोकसभा सीट से भाजपा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्यों की आर्थिक प्रगति में एमएसएमई अहम भूमिका निभा रहा है। केंद्र सरकार के प्रयासों से युवाओं और महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे है। उन्होंने केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इससे न केवल स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार और निवेश के नए अवसर भी पैदा होंगे।
लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को लेकर सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्र सरकार से महत्वपूर्ण सवाल उठाए। उन्होंने राज्य में एमएसएमई इकाइयों को मिलने वाले ऋण, क्रेडिट गारंटी योजनाओं, निवेश प्रोत्साहन कार्यक्रमों और जीएसटी रिफंड प्रक्रिया की निगरानी को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया।
सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सरकार से पूछा कि क्या उत्तराखंड में एमएसएमई इकाइयों को पर्याप्त ऋण मिल रहा है और क्या राज्य को सीजीटीएमएसई (क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर एमएसएमई) योजना के तहत प्राथमिकता दी जा रही है? इसके साथ ही उन्होंने यह भी जानना चाहा कि निवेश को बढ़ावा देने के लिए कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही हैं और जीएसटी रिफंड व ऋण वितरण में पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
इस पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लिखित जवाब में बताया कि उत्तराखंड में 31 मार्च 2025 तक 53,164 करोड़ का एमएसएमई ऋण बकाया है। वर्ष 2024-25 के दौरान राज्य में 25,385 करोड़ का ऋण वितरित किया गया, जो निर्धारित लक्ष्य से अधिक है। अगले वित्त वर्ष के लिए 29,306 करोड़ का ऋण वितरण लक्ष्य रखा गया है।
सीजीटीएमएसई योजना के अंतर्गत उत्तराखंड में अब तक 11,168 करोड़ की लगभग 1.51 लाख गारंटी स्वीकृत की जा चुकी हैं। इसमें महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति/जनजाति, दिव्यांगजनों और आकांक्षी जिलों की इकाइयों को विशेष प्राथमिकता दी गई है।
केंद्र सरकार ने निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, जिनमें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, पीएम विश्वकर्मा योजना, एमएसएमई क्लस्टर विकास योजना, आरएएमपी और आत्मनिर्भर भारत फंड ऑफ फंड्स प्रमुख हैं। इन योजनाओं के तहत अब तक देशभर में 645 एमएसएमई इकाइयों को पूंजी सहायता दी गई है, जिनमें उत्तराखंड की 5 इकाइयां भी शामिल हैं।
सरकार ने ऋणों और जीएसटी रिफंड की निगरानी के लिए बहुस्तरीय तंत्र विकसित किया है, जिसमें रियल-टाइम ट्रैकिंग, सिंगल डिसबर्समेंट विंडो, समयबद्ध रिफंड, राज्य स्तरीय समितियाँ और विलंब होने पर ब्याज भुगतान जैसी व्यवस्थाएँ शामिल हैं।