डीएवी पब्लिक स्कूल में ‘समिधा–2025’ विज्ञान महोत्सव, बैटरी के इतिहास से भविष्य तक की दिलचस्प झलक




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न्यूज127
आज की युवा पीढ़ी को देश की प्रगति और सतत विकास के लिए समिधा बन तिल-तिल जलना होगा। जिस प्रकार भगत सिंह और सुखदेव जैसे देशभक्तों ने स्वतंत्रता के लिए बलिदान दिया, उसी तरह वर्तमान पीढ़ी को विकसित भारत के निर्माण में योगदान देना होगा। यह प्रेरक संदेश शनिवार को डीएवी पब्लिक स्कूल, देहरादून में आयोजित ‘समिधा–2025’ विज्ञान कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि, सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत दीप प्रज्ज्वलन और ईश्वर वंदना के साथ हुआ। स्कूल की प्रधानाचार्य शालिनी समाधिया ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया।


सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि बैटरियां आधुनिक जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी हैं, लेकिन भविष्य के लिए इनके सुरक्षित निस्तारण पर गंभीरता से विचार करना होगा। उन्होंने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि जिस सोच और उद्देश्य के साथ इस कार्यक्रम को किया गया है, वह युवा पीढ़ी में विज्ञान और नवाचार के प्रति उत्साह जगाने वाला है।

‘UNVEIL THE POWER WITHIN – A Battery’s Tale’ विषय पर रचनात्मक प्रस्तुतियां
डीएवी पब्लिक स्कूल द्वारा आयोजित समिधा–2025 का मुख्य विषय “UNVEIL THE POWER WITHIN – A Battery’s Tale” रखा गया। इसमें दस विद्यालयों ने भाग लिया और छात्रों ने मॉडल मेकिंग, पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन और अभिनय प्रतियोगिताओं के माध्यम से बैटरी के इतिहास, वर्तमान उपयोग और भविष्य की संभावनाओं को प्रस्तुत किया।

नवाचार–आविष्कार : विकास की कुंजी
विशिष्ट अतिथि डॉ. के.डी. पुरोहित, सलाहकार (राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान) ने कहा कि नवाचार और आविष्कार एक सिक्के के दो पहलू हैं और दोनों ही राष्ट्र की प्रगति के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि NEP-2020 छात्रों में कौशल आधारित शिक्षा को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने विद्यार्थियों को “मस्तिष्क, हृदय और हाथ” का एक साथ उपयोग कर सृजनात्मकता और वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए प्रेरित किया।

निर्णायक मंडल में डीआरडीओ के वैज्ञानिक डॉ. आर.पी. नौटियाल, USERC की वैज्ञानिक डॉ. भवतोष शर्मा, ग्लोबल यूनिवर्सिटी के प्रो. डॉ. पीयूष दुआ और IIP के वैज्ञानिक डॉ. कमल कुमार मौर्या शामिल रहे।

प्रेरक संदेश और पुरस्कार
प्रधानाचार्या श्रीमती शालिनी समाधिया ने सभी टीमों की सराहना करते हुए कहा कि “जीवन ही विज्ञान है और विद्यार्थी ही कल के वैज्ञानिक हैं।” उन्होंने छात्रों को निरंतर जिज्ञासु बने रहने और नए समाधान खोजने के लिए प्रेरित किया।
प्रतियोगिताओं में आर्मी पब्लिक स्कूल, क्लेमेंटाउन ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, यूनिवर्सल अकैडमी, देहरादून द्वितीय और दून ग्लोबल स्कूल, देहरादून तृतीय स्थान पर रहे। सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।

आभार प्रदर्शन
कार्यक्रम प्रभारी रोहित शर्मा (पीजीटी भौतिक विज्ञान) ने सभी अतिथियों, निर्णायक मंडल, शिक्षकों और विद्यालय परिवार का धन्यवाद व्यक्त किया और समिधा–2025 को सफल बनाने के लिए सभी का आभार जताया।
इस कार्यक्रम ने छात्रों में विज्ञान और नवाचार के प्रति नई ऊर्जा का संचार किया और यह संदेश दिया कि बैटरियां केवल ऊर्जा का साधन ही नहीं, बल्कि भविष्य की तकनीक और सतत विकास की रीढ़ बन सकती हैं।