हरिद्वार में भूकंप के तेज झटके, हरकी पैड़ी पर पुल टूटा, जिला चिकित्सालय की छत गिरी




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जिले में छह स्थानों पर विशाल मॉक ड्रिल, राहत–बचाव तैयारियों की हुई परखी

हरिद्वार
धर्मनगरी हरिद्वार शनिवार सुबह 10:10 बजे रिक्टर पैमाने पर 6.3 तीव्रता के भूकंप से कांप उठी। जिला आपदा प्रबंधन परिचालन केंद्र से सूचना मिलते ही प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया। मुख्य विकास अधिकारी एवं इंसीडेंट मॉक कमांडर के नेतृत्व में आईआरएस टीम का गठन किया गया तथा त्वरित राहत एवं बचाव कार्य के लिए टीम को ऋषिकुल स्टेजिंग एरिया भेजा गया।
आपदा जैसी वास्तविक परिस्थिति में how prepared the district is, इसे परखने के उद्देश्य से पूरे जनपद में 6 प्रमुख स्थानों पर मॉक ड्रिल आयोजित की गई।

जिला चिकित्सालय में छत गिरी—6 लोग घायल
प्राप्त सूचना अनुसार जिला चिकित्सालय में भूकंप के प्रभाव से भवन की छत का एक हिस्सा टूट गया, जिससे उपचार करा रहे 6 लोग घायल हुए। आपदा प्रबंधन टीम ने मौके पर पहुंचकर त्वरित रेस्क्यू किया और सभी घायलों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया।

हर की पैड़ी क्षेत्र में टूटे शिवपुल—11 लोग घायल, 4 गंभीर
भूकंप की तीव्रता से शिवपुल हर की पैड़ी क्षतिग्रस्त हो गया, जहाँ 11 लोगों को रेस्क्यू किया गया। इनमें से 7 सामान्य घायल और 4 गंभीर रूप से घायल थे जिन्हें तत्काल अस्पताल भेजा गया।

रेलवे स्टेशन पर विस्फोट—3 की मौत, 7 घायल
रेलवे स्टेशन पर हुए काल्पनिक बम विस्फोट में 3 लोगों की मृत्यु और 7 घायल होने की सूचना पर रेस्क्यू टीमों ने तेजी से अभियान चलाया। सभी घायलों को मेला चिकित्सालय भेजा गया।

इंटर कॉलेज रुड़की में दुर्घटना—2 बच्चों की मौत, 5 घायल
राजकीय इंटर कॉलेज रुड़की में छत गिरने से 2 छात्रों की मौत और 5 घायल हो गए। उन्हें उप जिला चिकित्सालय रुड़की में उपचार के लिए भर्ती कराया गया।

तहसील रुड़की कार्यालय की दीवार ढही—5 लोग घायल
तहसील कार्यालय की दीवार गिरने से 5 लोग घायल हुए। सभी को तत्काल अस्पताल भेजा गया। शेरपुर बेला, लक्सर: तटबंध टूटने से बाढ़—2 की मौत, 8 घायल, 35 पशु रेस्क्यू भूकंप के बाद शेरपुर बेला में तटबंध टूटने से बाढ़ जैसी स्थिति बनी, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई। 5 लोग गंभीर रूप से, 3 सामान्य रूप से घायल हुए। इसके अलावा 35 पशुओं को रेस्क्यू कर उपचार किया गया, जबकि एक गाय के बहने से मृत्यु हो गई।

छह स्थानों पर हुआ व्यापक मॉक ड्रिल
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देश पर पूरे जनपद में आपदा के समय संसाधनों की उपलब्धता, समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण किया गया।
प्रमुख स्टेजिंग एरिया और रिलीफ कैंप, जिला चिकित्सालय, शिवपुरी, रेलवे स्टेशन: स्टेजिंग एरिया – ऋषिकुल रिलीफ कैंप – भल्ला इंटर कॉलेज
तहसील भवन रुड़की: स्टेजिंग एरिया – बीएसएम इंटर कॉलेज रुड़की रिलीफ कैंप – एचआरडीए कार्यालय रुड़की
शेरपुर बेला, लक्सर: स्टेजिंग एरिया – ब्लॉक खानपुर रिलीफ कैंप – खेल मैदान ब्लॉक खानपुर
मुख्य विकास अधिकारी ललित नारायण मिश्र ने कहा कि वास्तविक आपदा की स्थिति में कम समय में राहत एवं बचाव कार्य कैसे किया जाए, यह मॉक ड्रिल उसकी तैयारी सुनिश्चित करता है। इससे संसाधनों की उपलब्धता, तंत्र की तत्परता और विभिन्न इकाइयों की समन्वय क्षमता का आकलन हो पाता है, ताकि किसी भी आपदा में न्यूनतम जनहानि सुनिश्चित की जा सके।

बड़ी संख्या में विभागों की सक्रिय भागीदारी। मॉक ड्रिल में पुलिस, पीएसी, होमगार्ड, पीआरडी, आपदा मित्र, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जेसीबी ऑपरेटर, एम्बुलेंस सेवाएँ और विभिन्न विभागों के अधिकारी–कर्मचारी शामिल रहे।