न्यूज 127. नैनीताल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को पर्यटन नगरी नैनीताल में आयोजित भव्य विंटर कार्निवाल में प्रतिभाग कर शीतकालीन पर्यटन को जन-आंदोलन का रूप देने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शीतकालीन पर्यटन आत्मनिर्भर उत्तराखंड की मजबूत नींव है और यह राज्य की आस्था, संस्कृति, परंपरा तथा स्वाभिमान के साथ “विकास भी–विरासत भी” की संकल्पना को साकार करता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शीतकालीन यात्रा के आह्वान के बाद राज्यभर में पर्यटन गतिविधियों को नई गति मिली है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़े हैं। युवा ट्रेकिंग गाइड, होम-स्टे, होटल व्यवसाय और अन्य पर्यटन गतिविधियों से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं, जिससे पहाड़ों से पलायन में उल्लेखनीय कमी आई है।
उन्होंने कहा कि शीतकालीन पर्यटन से लोक कलाकारों, हस्तशिल्प, पारंपरिक व्यंजनों और स्थानीय उत्पादों को नया बाजार मिल रहा है। सरकार पारदर्शिता, कानून व्यवस्था और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण के साथ विकास को आगे बढ़ा रही है। समान नागरिक संहिता, नकल विरोधी कानून, सख्त भू-कानून और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति से उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है।
मुख्यमंत्री ने नैनीताल विंटर कार्निवाल को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह आयोजन कई मायनों में ऐतिहासिक है। एक ओर इस भव्य कार्निवाल का आयोजन हो रहा है, वहीं नैनीताल के समग्र विकास के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये की परियोजनाओं को जनता को समर्पित किया गया है। उन्होंने कहा कि आज का दिन इसलिए भी विशेष है क्योंकि आज पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्म जयंती है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों की ओर से अटल जी को कोटि-कोटि नमन अर्पित किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि नैनीताल जनपद में 121 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की 13 महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है। उन्होंने कहा कि सात वर्षों के लंबे अंतराल के बाद इतने भव्य रूप में आयोजित हो रहा विंटर कार्निवाल क्षेत्र के पर्यटन विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
कार्निवाल के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों में देश और राज्य के प्रख्यात कलाकारों की प्रस्तुतियां, बोट रेस, सांस्कृतिक झांकियां, लाइट एंड साउंड शो तथा मनमोहक बैंड प्रस्तुतियों ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को आकर्षित किया। साथ ही ट्रेकिंग, प्रकृति भ्रमण, एस्ट्रो टूरिज्म और आर्टिफिशियल रॉक क्लाइंबिंग जैसी गतिविधियों ने रोमांच को और बढ़ाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करने के साथ-साथ तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। केदारखंड की भांति मानसखंड के पौराणिक मंदिरों के पुनरुत्थान एवं सौंदर्यीकरण का कार्य योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है। नैनादेवी मंदिर, कैंची धाम, हनुमानगढ़ी, मुक्तेश्वर धाम सहित अनेक धार्मिक स्थलों का विकास हो रहा है।
उन्होंने बताया कि राज्य में बारहों महीने पर्यटन को सक्रिय रखने के उद्देश्य से “शीतकालीन यात्रा” की शुरुआत की गई है। इसके साथ ही गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में एक-एक “स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन” स्थापित करने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन फेस्टिवल’ के माध्यम से पारंपरिक मेलों और लोक संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘एक जनपद, दो उत्पाद’, ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’, ‘स्टेट मिलेट मिशन’, ‘एप्पल मिशन’, नई पर्यटन नीति, नई फिल्म नीति, होम-स्टे और ‘वेड इन उत्तराखंड’ जैसी योजनाओं से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। राज्य में सैकड़ों होम-स्टे संचालित हो रहे हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। पलायन निवारण आयोग की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में रिवर्स पलायन में 44 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड को पर्यटन क्षेत्र में Best Wildlife और Best Adventure Destination जैसे राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। वहीं World Responsible Tourism Award में “One to Watch” सम्मान और केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा चार गांवों को “सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार” से नवाजा गया है।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार देवभूमि के मूल स्वरूप और डेमोग्राफी की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध है। सुनियोजित अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए 10 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया है और 500 से अधिक अवैध निर्माण ध्वस्त किए गए हैं। उन्होंने कहा कि नकल माफिया और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई से युवाओं को पारदर्शी व्यवस्था में अवसर मिल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के “स्वदेशी अपनाओ, देश को मजबूत बनाओ” के मंत्र को आत्मसात करने का आह्वान करते हुए स्वदेशी उत्पादों के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे कारीगरों, किसानों और उद्यमियों को बल मिलेगा और आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों का आनंद लिया। कार्यक्रम में विधायक नैनीताल सरिता आर्या, विधायक कालाढूंगी बंशीधर भगत, भाजपा जिला अध्यक्ष प्रताप बिष्ट, दायित्वधारी डॉ. अनिल कपूर डब्बू, सुरेश भट्ट, दिनेश आर्या, शांति मेहरा, नवीन वर्मा, आयुक्त कुमाऊं एवं सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत, जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. मंजूनाथ टीसी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, पर्यटक और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।



