अनुराग गिरी,
हरिद्वार। पश्चिम बंगाल आसनसोल में हिन्दुओं पर अत्याचार के विरोध में उत्तराखण्ड विकास मंच के प्रान्तीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा के संयोजन में बिरला चौक पर आसनसोल में हुई दर्दनाक घटना पर अपना आक्रोश प्रकट करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की कि आसनसोल में हुई हिंसक घटना का संज्ञान लेकर तत्काल प्रभाव से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाये। आसनसोल में हो रहे हिन्दुओं पर लगतार जानलेवा हमले की निन्दा करते हुए यह भी मांग की आसनसोल के आम नागरिकों को सुरक्षा प्रदान की जाये।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड विकास मंच के अध्यक्ष एवं भाजपा नेता संजय चोपड़ा ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार भाजपा कार्यकर्ताओं पर निशाना बनाकर उनका उत्पीड़न व शोषण कर रही है और झूठे मुकदमे लगाकर भाजपा के कार्यकर्ताओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है जो कि बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हिन्दुओं के संरक्षण संवर्द्धन को लेकर पश्चिम बंगाल में तत्काल प्रभाव राष्ट्रपति शासन लगाया जाये हिन्दुओं पर लगातार हो रहे हमलों से हिन्दू भयभीत है। हिन्दुओं के हितों को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार का उदासीन भरा रवईया सहन नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है। तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाया जाये ताकि लोगां की जान माल की रक्षा हो सके।
पं रविन्द्र कीर्तिपाल, राजकुमार (एन्थनी) मनोज मण्डल ने संयुक्त रूप से कहा कि पश्चिम बंगाल द्वारा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए सोची समझी नियति के तहत हिन्दुओं को बंगाल में प्रताड़ित किया जा रहा है। ताकि चुनाव में पुनःसत्ता हासिल की जा सके। धर्म के नाम पर लोगों को भड़काकर दंगों का प्रदूषण घोला जा रहा है जो कि निन्दनीय है। उन्होंने आहवान किया कि हिन्दुओं की एकता के लिए हरसंभव लड़ाई लड़ी जायेगी और हिन्दु संगठनों से अपील की कि पश्चिम बंगाल आसनसोल की बर्बरता शर्मनाक घटना के विरोध में देश भर में जनजागरूकता चलाई जाये और हिन्दुओं को ज्यादा से ज्यादा और संगठित किया जाये।
पश्चिम बंगाल सरकार की बर्खास्तगी की मांग को प्रदर्शनकारियों में विक्की गुप्ता, साधुशरण पंडित छोटेलाल शर्मा, मान सिंह, ओमप्रकाश कालियान, मोहनलाल, श्यामजीत, बालकिशन सैनी, प्रभात चौधरी, धु्रव पाठक, प्रियांशु साहू, राहुल कुमार, शंकर गिरि, वीर गिरि, शुभम, आशीष, मिथुन, आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।