डीएवी स्कूल में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया गांधी जयन्ती पर्व




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ऋतु नौटियाल
डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर में गाँधी जयन्ती की 150वीं वर्षगाँठ बड़े हर्षोल्लास से मनाई गई। विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कपिल, सुपरवाइजरी हैड श्रीमती कुसुम बाला त्यागी एवं सुश्री हेमलता पाण्डेय व शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने राष्ट्रपिता मोहन दास करमचंद गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के चित्रों के सम्मुख माल्यार्पण किया और श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
स्कूल प्रांगण के सभागार में गांधी जयन्ती के कार्यक्रम का आरम्भ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। जिसके बाद प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। श्रीमती प्रतिमा सक्सेना ने ‘गाँधी एक अनूठी प्रतिभा’ गाँधी जी के जीवन से सम्बन्धित विशेष घटनाओं पर प्रकाश डाला। कम्प्यूटर शिक्षक वरूण शर्मा ने महात्मा गाँधी के जीवन पर एक डाॅक्यूमेन्टरी फिल्म प्रस्तुत कर उपस्थितजनों की आँखों को नम किया। श्रीमती शिखा भारद्वाज ने जहाँ गाँधी जी के विचारों को स्वयं में ढालने की आवश्यकता पर बल दिया, वहीं श्रीमती शाश्वती राय ने एक सुन्दर भजन प्रस्तुत कर सभी को भाव-विभोर कर दिया। श्रीमती अनीता रावत ने गाँधी जी को एक शिक्षक एवं एक उपदेशक के रूप में प्रस्तुत किया। विद्यालय के संगीत शिक्षिका श्रीमती अर्चना तलेगाँवकर ने गाँधी जी के प्रिय भजन ‘वैष्णव जन तो तेने कहिए जे पीड़ पराई जाने रे’ गाकर सभा को सम्मोहित कर दिया। कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल ने गाँधी विचारधारा पर प्रकाश डालते हुए गाँधी जी के गुणों को अपने जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया। केवल सत्य और अहिंसा के बल पर उन्होंने किस प्रकार देश को अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त करवाया उसकी व्याख्या कर सत्य को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाने पर जोर दिया। उन्होनें गाँधी जी को एक व्यक्ति नही अपितु एक सम्पूर्ण व्यक्तित्व बताया। जिन्होंने पूरे विश्व को अहिंसा का पाठ पढ़ाया। आज समूचे विश्व में 2 अक्टूबर का दिन अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमें भी अपनी दिनचर्या में गाँधी जी द्वारा बताए गए नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए। गाँधी जी की आत्मकथा हर अध्यापक एवं विद्यार्थी को पढ़नी चाहिए। गाँधी जी ने जितने भी नियमों को पालन करने की बात की है, उन सभी को पहले अपने जीवन में उतारा है। देश के दूसरे प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को उनकी सादगी एवं सरलता के लिए याद किया गया। उनकी सादगी एवं सरलता से केवल देश ही नहीं अपितु विदेश के लोग भी प्रभावित थे। उन्होनें ही देश को ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया।
उसके बाद विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती रेणु शर्मा ने सभी को कार्यक्रम में सहयोग देने एवं इसे सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया। मंच संचालन श्रीमती सोनिया त्यागी ने किया।
कार्यक्रम में विद्यालय के करीब सत्तर शिक्षक एवं शिक्षणेत्तरकर्मचारी उपस्थित रहे और सभी ने कोविड-19 से सम्बन्धित सुरक्षात्मक नियमों का पालन करते हुए इस सफल बनाया।