नवीन चौहान
हरिद्वार। अब कोरोना के मरीजों के मामले कम होते जा रहे हैं। हरिद्वार में जहां पहले 300 तक मरीजों के आते थे तो सोमवार को मात्र 8 मामले आए। लेकिन अब एक सवाल फिर से उठने लगा है, तो क्या सर्दियों में कोरोना का संक्रमण फिर से फैल सकता है। इसके कई कारण बताए जा रहे है।
त्योहारों की वजह से नवंबर-दिसंबर में और अधिक ट्रेन, उड़ानें, अंतरराज्यीय यात्रा के साथ जारी रहेंगी, जो कोरोना के मामलों को अधिक बढ़ा सकती हैं। इसके अलावा अन्य भी कारण सामने आए है।
कोरोना वायरस गर्मियों में एयरोसॉल पार्टिकल्स के जरिए फैल रहा था तो अब सर्दियों में अब स्नायुतंत्र से बाहर आने वाली छोटी बूंदों के जरिए इसका फैलना सर्दियां आने के साथ बढ़ सकता है। इन बूंदो से संपर्क में आने पर कोरोना वायरस इन्फेक्शन का खतरा गहराने की आशंका एक ताजा रिसर्च में जताई गई है। अभी सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जिन नियमों का पालन किया जा रहा है वे पर्याप्त नहीं हैं। ज्यादातर मामलों में यह पाया गया कि ये बूंदें 6 फीट से ज्यादा दूर तक जा सकती हैं।
घर और इमारतों के अंदर वॉक-इन फ्रिज और कूलर या ऐसी जगहें जहां तापमान कम होता है और नमी ज्यादा, वहां ये बूंदें 6 मीटर (19.7 फीट) तक जा सकती हैं। इसके बाद यह जमीन पर गिरती हैं। ऐसे में वायरस कई मिनट से लेकर एक दिन तक संक्रामक हो सकता है। कई जगहों पर मीट प्रोसेसिंग प्लांट से कई लोगों को इन्फेक्शन की खबरें सामने आई हैं।
गर्म और सूखी जगहों पर ये बूंदें जल्दी भाप में बदल जाती हैं। ऐसे में ये पीछे वायरस के हिस्से छोड़ जाती हैं जो दूसरे एयरोसॉल से मिलती हैं। ये एयरोसॉल बोलने, छींकने, खांसने या सांस लेने से छोड़े गए होते हैं। ये बेहद छोटे हैं, आमतौर पर 10 माइक्रॉन से भी छोटे। ये घंटों तक हवा में रहते हैं जिससे सांस लेने पर यह व्यक्ति को इन्फेक्ट कर सकते हैं।