कुलप​ति डा ध्यानी के प्रबंधन और दूरदर्शिता से श्रीदेव विवि का हो रहा चहुंमुखी विकास




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नवीन चौहान
श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय में डा पीपी ध्यानी द्वारा कुलपति पद पर कार्यभार ग्रहण करते समय से ही विश्वविद्यालय मे नकलवहिनी परीक्षायें सम्पादित करवाना, समय पर परीक्षाफल घोषित करना तथा विश्वविद्यालय में प्रशासनिक ढांचा सृदृढ़ करने के साथ ही साथ वित्तीय प्रबन्धन से समयबद्ध रूप से ईपेमेंट द्वारा भुगतान करवाना अपनी प्राथमिकताओं में रखा गया था, जिसमें कुलपति डा पीपी ध्यानी द्वारा अपनी प्राथमिकताओं को पूर्ण करने हेतु सीमित संसाधनों के बावजूद भी निरंतर प्रयास किया जा रहा है।
कुलपति ने वित्तीय प्रबंधन को प्राथमिकताओं में रखे जाने के बाद लगातार कर्मचारियों का मार्गदर्शन भी किया जा रहा है। हाॅल ही में परीक्षाओं को नकलविहीन बनाने हेतु कुलपति द्वारा कई परीक्षा केंद्रों का स्वयं औचक निरीक्षण किया गया जिसमें अधिकतर शिक्षकों द्वारा यह शिकायत की गयी कि विगत कई सालों से महाविद्यालयों के परीक्षकों के परीक्षा बिलों का भुगतान नहीं हुआ है जो कि काफी समय से विश्वविद्यालय में लम्बित है। कुलपति द्वारा तत्काल प्रकरण का संज्ञान लेते हुए विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ बैठक की गई, जिसमें कुलपति द्वारा निर्णय लिया गया कि दीपावली से पूर्व हर हाॅल में सभी कर्मचारियों का वेतन भुगतान, लम्बित फाईलों का भुगतान, परीक्षा केंद्रों का भुगतान और परीक्षकों के पारिश्रमिक का भुगतान आदि किया जाए। कुलपति द्वारा निरीक्षण में यह भी पाया गया कि मुख्यतः भुगतान समय पर न होने का का मुख्य कारण पत्रावलीयों का एक अनुभाग से दूसरे अनुभाग में लम्बित होना है, जिसके लिए कुलपति द्वारा सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि अब तीन दिन से ज्यादा कोई भी फाईल किसी भी पटल पर रोकी नहीं जाएगी।
​सभी तरह के बिलों का समय पर होगा भुगतान
कुलपति ने अधिकारियों को आदेशित किया कि वे वित्त अधिकारी के कक्ष में बैठकर लम्बित बिलों का निस्तारण करें और वह स्वंय भी वित्त अधिकारी के कक्ष में बैठेंगे और वही पर अपनी स्वीकृति प्रदान करेंगे। पिछले 02 दिनों से ऐसी अनूठी पहल करने पर विश्वविद्यालय ने 85 प्रतिशत लंबित बिलों का भुगतान दिपावली से पहले कर दिया है। आगे भी ऐसी पहल समय समय पर की जाएगी।
अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर लेते हैं परामर्श
कुलपति ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ढांचे के सुधार हेतु विश्वविद्यालय में तैनात अधिकारियों की प्रति सप्ताह/माह समीक्षा बैठक भी ली जा रही है। कुलपति द्वारा अब हर साल फरवरी में सभी कर्मचारियों के कार्यों की समीक्षा करने के भी आदेष पारित कर दिए गए है। जो कर्मचारी कार्य करने में असमर्थ हों, बीमार हों, कार्यालय अधिकतर अनुपस्थित रहते हों, उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करते हों, कार्यों के सम्पादन में विघ्न डालते हो, जिनकी सत्यनिष्ठा संदिग्घ हो और जो जांच में आरोपी पायें जाएं – ऐसी सभी कर्मचारियों की छटनी कर विश्वविद्यालय से बाहर कर दिया जाएगा और जो भी कर्मचारी उत्कृष्ट कार्य करेंगे उन्हे प्रोत्साहित किया जाएगा। विश्वविद्यालय में अब कार्यों का निस्पादन शीघ्रताशीघ्र हो रहा है। विश्वविद्यालय को सीमित संसाधनों के बावजूद भी उत्कृष्ट बनाना और इसकी सुदृढ़ नींव रखना डा ध्यानी का एक मात्र लक्ष्य है।