गगन नामदेव
फेसबुक पर दोस्ती करने के बाद अश्लील तस्वीरे हासिल करने के बाद ब्लैकमेलिंग करने का मामना प्रकाश में आया है। वही धोखाधड़ी के दो अन्य मामलों में साइबर क्राइम सेल की टीम मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश में जुटी है।
स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखंड के अंतर्गत कार्यरत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून ने तीन मुकदमे दर्ज किए है।
केस नंबर— 1- सुभाष रोड देहरादून निवासी एक व्यक्ति द्वारा साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन में शिकायत अंकित की गयी कि
उनके द्वारा अपने फेसबुक एकाउन्ट पर एक अल्टो गाडी का विज्ञापन बिक्री हेतु देखा गया था , जिस पर उसके द्वारा उक्त विज्ञापन पर अंकित मोबाइल नम्बर वाले व्यक्ति द्वारा उक्त वाहन को अपना बताते हुये बेचने की बात कही गयी तथा शिकायतकर्ता को भुगतान ऑनलाईन करने की बात कहकर डिलीवरी चार्ज व अन्य चार्ज के रुप में 71800/- रुपये की धनराशि HDFC बैक खाते में जमा करवाकर धोखाधडी की गयी । उक्त प्रार्थना पत्र की जांच उ0नि0 निर्मल भट्ट द्वारा की गयी व शिकायतकर्ता से बैक से सम्पर्क किया गया तो ज्ञात हुआ कि शिकायतकर्ता के खाते से धनराशि मोबाइल फोन के माध्यम से HDFC बैक खाते में हस्तान्तरित की गयी है , जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुये सम्बन्धित बैक के नोडल अधिकारी से जानकारी प्राप्त कर खाते व खाताधारक का विवरण प्राप्त किया गया उक्त बैक खाता जयपुर राजस्थान का होना पाया गया व अज्ञात मोबाइल धारक की जानकारी नोडल से की गयी तो उक्त नंबर असम व उडीसा राज्य का होना पाया गया प्रकरण में अभियोग पंजीकृत किया गया है ।
केस नंबर-2 नेहरुकालोनी देहरादून निवासी एक महिला ने साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन में शिकायत अंकित की गयी कि उनकी मुलाकात फेसबुक पर एक इन्जीनियरिंग ग्रुप के व्यक्ति से हुई। उक्त व्यक्ति ने पढाई में उसकी सहायता करने के नाम पर शिकायतकर्ता से उसका मोबाइल नम्बर मांगा ,और उससे बाते करने लगा फिर उक्त व्यक्ति ने झासें मे लेकर उसकी कुछ अश्लील तस्वीरे प्राप्त कर ली। शिकायतकर्ता को उक्त अश्लील तस्वीरे को सोशल साइट पर डालने की धमकी देकर रुपये 20,000/- प्राप्त कर और पैसों की मांग की जा रही है। उक्त प्रार्थना पत्र की जांच उप निरीक्षक निर्मल भट्ट ने की।
उक्त मोबाइल नंबर बिहार व झारखण्ड होना पाया गया। पुलिस टीम आरोपी की तलाश में जुटी है।
केस नंबर— 3—
देहरादून के पटेलनगर निवासी व्यक्ति ने तहरीर देकर बताया कि उसके गूगल पे खाते से 25000/- ट्राजेक्शन किया गया था। लेकिन वह ट्रांजेक्शन नही हो पाया। गूगल पे का कस्टमर केयर नम्बर खोजा।तो एक नम्बर प्राप्त हुआ। उस नंबर पर फोन किया गया तो उक्त व्यक्ति ने स्वंय को गूगल कस्टमर केयर से बताते हुये कहा कि आप के पैसे वापस आ जायेंगे। आपको एक मोबाइल नंबर दिया जा रहा है। जिसे आप अपने गूगल पे डाले फिर उसने शिकायतकर्ता को अपना मोबाइल देकर उक्त मोबाइल नम्बर गूगल पे पर डालने हेतु कहा तो उक्त शिकायतकर्ता ने उसके कहने पर उक्त नम्बर गूगल पे पर डाला गया व कोड डालते ही शिकायतकर्ता के खाते 25000 /- रुपये निकाल लिये गये । पुलिस जांच में सामने आया कि उक्त धनराशि मोबाइल फोन यूपीआई के माध्यम से विभन्न पेमेट गेटवे में हस्तान्तरित की गयी है। जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुये सम्बन्धित पेमेन्ट गेटवे के नोडल अधिकारी से पता किया। उक्त नम्बर कलकत्ता पश्चिम बंगाल का होना पाया गया।