जोगेंद्र मावी
कुंभ बजट से हरिद्वार में बनाई जा रही सड़कों के निर्माण में धन की बर्बादी की जा रही है। हालांकि शहर की तमाम सड़कों की गुणवत्ता पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। लेकिन सिडकुल-भेल मार्ग में तो सड़क बनाने के मानक में तो सभी मानकों की धज्जियां उड़ा दी गई। इनती खराब खराब गुणवत्ता से सड़क बना दी कि बनते ही उखड़ने लगी थी, मामला सुर्खियों में आने पर पीडब्ल्यूडी की खूब छिछालेदारी होने लगी तो विभाग सड़क पर लगाई लेप को उखाड़ना शुरू कर दिया। इससे साबित होने लगा है कि कुंभ के नाम पर धन की पूरी बर्बादी की जा रही है।
शहर की सड़कों की लेपिंग पर उठाया बड़ा सवाल
हालांकि इसी तरह से लेप लगाने पर हरिद्वार शहर की सड़कों पर भी सवाल उठने लगे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व पार्षद कन्हैया खेवड़िया ने तो पूरे सिस्टम पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट लिखते हुए अपनी पीड़ा व्यक्त कर दी। उन्होंने लिखा है कि इतनी खराब सड़क शायब कभी नहीं बनी होगी, न ढाल न सफाई। ठेकेदार शायद पीडब्ल्यूडी अधिकारियों का रिश्तेदार रहा होगा। और बची कूची कमी बिजली वालों ने पूरी कर दी। सड़क बनने के बाद फिर खोद दी। शायद गांधी के अधिकारी जो कहते हैं कि बुरा न देखों वो यही मौजूद है। कहीं कहीं तो रोड इनती उपर आ गई कि जैसे छाती पर चढी आ रही हो। टाइल्स इतनी मजबूत लगाई जा रही है कि हाथ से निकाल लीजिए, क्योंकि सीमेंट तो आटे में नमक सा है। राम प्रसाद गली व श्मशान घाट रोड जहां सारा यात्री चलता है, वे बनी ही नहीं कि दुबारा न खुद जाउ।
पीडब्ल्यूडी के अधीशासी अभियंता दीपक कुमार का कहना है कि जिस दिन सड़क बनाई थी, उसी दिन बारिश हो गई थी, इससे सड़क पर तारकोल जमा नहीं। अब जितनी सड़क की गुणवत्ता खराब है तो उसे दोबारा से बनवाने के लिए उखड़वाना शुरू कर दिया है। जब मौसम अनुकूल हो जाएगा तो सड़क दोबारा से बना दी जाएगी।
