नवीन चौहान
जन्मदिन के बहाने शराब पार्टी का आयोजन किया गया और प्रबंध निदेशक सूरजभान को शिकार बनाया गया। शराब पार्टी के इस आयोजन में समिति के कई अन्य लोग भी शामिल थे। जबकि फोटो खींचने वाले ने सूरजभान का ही नाम सबसे ऊपर रखा। साजिशकर्ता को मालूम था कि सूरजभान अपने 22 साल के जवान बेटे की मौत के सदमे से गुजर रहा है। उसको शराब पिलाने के लिए बैठाना आसान होगा। साजिशकर्ता के मुताबिक हुआ भी कुछ इस प्रकार ही। लेकिन सवाल उठता है कि जब जांच करने पहुंची प्रशासन की टीम ने सूरजभान का मेडिकल कराया तो उसके बयानों के आधार पर महफिल में शामिल अन्य लोगों का मेडिकल कराना भी जरूरी था। घटना बहादराबाद समिति के शराब प्रकरण से जुड़ी है।
कलयुगी दौर में इंसानों की मानवीय संवेदनाए शून्य हो गई है। अपनी महत्वकांक्षाओं की पूरा करने के लिए किसी भी इंसान को साजिश का शिकार बना देते है। ऐसा ही कुछ साधन समिति के प्रबंध निदेशक सूरजभान के साथ हुआ। सूरजभान अपने 23 साल के जवान बेटे की आकस्मिक मौत के सदमे से व्यथित है। बेटे की मौत का गम उसको आत्मिक रूप से दुखी कर रहा है। सूरजभान को शराब पिलाकर फंसाने का ताना बाना बुना गया। सूरजभान ने शराब पी और साजिश का शिकार हो गया।
न्यूज127 के पास एक गुरूवार को एक फोटो भेजी गई। सूचना मिली कि बहादराबाद विकासखंड के सलेमपुर साधन सहकारी समिति के प्रबंध निदेशक सूरजभान अपने साथियों के साथ समिति के एक कक्ष में शराब पार्टी का आयोजन कर रहे है। न्यूज127 ने इस कृत्य की खबर प्रकाशित की दी। जिसके बाद जिलाधिकारी सी रविशंकर ने तत्काल खबर का संज्ञान लेते हुए एसडीएम गोपाल सिंह चैहान को इस कृत्य की सच्चाई पता करने और मेडिकल कराकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी सी रविशंकर के निर्देशों का अनुपालन करते हुए एसडीएम गोपाल सिंह चैहान ने नायाब तहसीलदार ललित मोहन पोखरियाल के नेतृत्व में टीम गठित करते हए घटनास्थल पर रवाना किया। सूचना स्थल पर सूरजभान नही मिले। सूरजभान ग्राम बौंगला में कृषि मेले के आयोजन की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे थे। नायाब तहसीलदार की टीम ने सूरजभान को चिकित्सीय परीक्षण के लिए बहादराबाद के सरकारी अस्पताल में ले गए। जहां उसके खून का सैंपल लिया गया। इस दौरान सूरजभान ने बताया कि उसके जवान बेटे की मृत्यु हो गई। इसी के चलते वह मानसिक अवसाद के दौर से गुजर रहा है। गुरूवार को समिति के एक पदाधिकारी और उनके मित्र ने जन्मदिन की पार्टी में बैठने के लिए बुलाया। मना करने के बाद भी वह जिदद करते रहे। आखिरकार वह समिति के बराबर एक कक्ष में चले गए। जहां शराब मंगाई गई थी। इस पार्टी में उनके ही एक कर्मचारी ने फोटो खींची थी। जिसको वायरल किया गया।
सरकारी कार्यालय के कक्ष में बैठकर सरकारी डयूटी करते हुए शराब पीना एक बड़ा अपराध है। लेकिन इस अपराध में एक व्यक्ति शामिल नही है। साजिशकर्ता ने सूरजभान को ही शिकार बनाया। जबकि अन्य लोगों के बारे में मीडिया को जानकारी नही दी। इससे साफ जाहिर होता है कि सूरजभान को शराब पार्टी में बुलाकर फंसाकर मानसिक क्षति पहुंचाने की रही होगी। इस प्रकरण में मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद जिलाधिकारी सी रविशंकर की गाज सूरजभान पर गिरना तय है। जिससे अन्य अधिकारियों को भी सबक मिलेगा।
बर्थडे के बहाने शराब पार्टी की महफिल में सूरजभान का शिकार



