8 फरवरी से खुल जाएंगे स्कूल, अभिभावकों पर फीस जमा कराने का दवाब




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नवीन चौहान
8 फरवरी से कक्षा 6, 7, 8, 9 और 11 की पढ़ाई के लिए स्कूलों के द्वार खुल रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई शुरू हो जाएगी, लेकिन स्कूल खोलने से पूर्व स्कूल प्रबंधन की ओर से फीस जमा कराने का दवाब बनाना शुरू कर दिया है। इससे अभिभावकों की चिंता बढ़ने लगी है। हालांकि शासन ने कक्षा 6 से 11 तक की पढ़ाई शुरू कराने पर अभिभावकों से फीस सामंजस्य के साथ लेने के निर्देश दिए है।
उत्तराखंड प्रदेश में कक्षा 10 और 12 वीं की कक्षाएं पहले से ही शुरू हो गई थी। अब सोमवार 8 फरवरी से 6 से 11 तक की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। लेकिन अधिकांश अभिभावकों ने कोरोना संक्रमण काल में आर्थिक स्थिति बिगड़ने का हवाला देते हुए बच्चों की फीस जमा नहीं की है। कुछ ने 2 महीने तो कुछ ने 4 या 6 महीने की फीस जमा की हुई है। स्कूल प्रबंधनों की माने तो 20 प्रतिशत अभिभावकों ने मात्र एक या दो महीने की फीस ही जमा नहीं की है। 60 प्रतिशत अभिभावकों ने 4 या 6 महीने की फीस जमा की है। मात्र 10 प्र​तिशत अभिभावक ऐसे हैं जिन्होंने फीस पूरी जमा कर दी है। अभिभावकों का बहाना था कि जब स्कूल ही नहीं खुल रहे है तो फीस क्यों जमा करें। लेकिन आॅनलाइन पढ़ाई के चलते हुए फीस जमा कराने का दवाब बनाया जा रहा था। कुछ अभिभावकों ने सड़कों पर उतरकर स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ प्रदर्शन भी किए। लेकिन अब विधिवत कक्षा 6 से 12 तक की सभी कक्षाओं की पढ़ाई शुरू होने जा रही है तो स्कूल प्रबंधन ने भी फीस जमा कराने के अभिभावकों को मैसेज भेजने शुरू कर दिए हैं। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्र—छात्राओं के प्रैक्टिकल कराने और एडमिट कार्ड देने से पूर्व फीस जमा करने के लिए दवाब बनाना शुरू कर दिया है। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधनों का दवाब लगातार आ रहा है, लेकिन जब कमाई नहीं है तो फीस कहां से जमा करें। हालांकि देहरादून में अभिभावक संघ ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन सौंपकर फीस जमा कराने में ढिलाई देने की मांग उठाई है।