नवीन चौहान
उत्तराखंड में भगवान भोले नाथ के धाम केदारनाथ के प्राकृतिक आपदा के त्राहिमाम के दर्द को लोग भूल भी नही पाए थे कि जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने की खबर आ गई। देवभूमि में भगवान की नाराजगी इस कदर गढ़ गई कि लगातार प्राकृतिक आपदा की चपेट में लोग आ रहे है। फिलहाल तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रशासन, पुलिस और एसडीआरएफ को राहत बचाव कायों में जुट जाने के निर्देश दे दिए है।
हरिद्वार ऋषिकेश और तमाम निचले इलाकों को खाली करा दिया गया है। निचले इलाकों में भारी तबाही को रोकने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे है। जिलाधिकारी सी रविशंकर, एसडीएम गोपाल चौहान, लक्सर एसडीएम शैलेंद्र नेगी, भगवानपुर एसडीएम स्मृता परमार व तमाम प्रशासनिक अमला जनता को निचले इलाकों से खाली कराने में जुटा हुआ है।
उत्त्राखंड में साल 2013 के जून माह में केदारनाथ में प्राकृतिक आपदा आई थी। सैंकड़ों लोगों की जान चली गई थी। उत्तराखंड में भारी नुकसान हुआ। केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड को एक बार फिर से संवारने का प्रयास हुआ। लेकिन इस बार जोशीमठ में ग्लेशियर टूट जाने से उत्ताखंड प्राकृतिक आपदा के मुहाने पर आ गया। उत्तराखंड में नंदादेवी ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही शुरू हो गई है। पानी के तेज बहाव से तपोवन डैम बहने से जनहानि की भी सूचना आ रही है। बताया जा रहा है कि पानी 300 फीट की उंचाई तक बहता हुआ रहा है। हरिद्वार में दोपहर 3 बजे तक पानी पहुंचने की आशंका है। गनीमत रही कि इस समय कोई यात्रा सीजन नहीं था, अन्यथा जनहानि हो सकती थी।
रविवार की सुबह करीब 11 बजे नंदादेवी ग्लेशियर टूट गया। एकदम से इतना तेज बहाव आया कि विष्णु प्रयाग पुल जो कि धरात से 300 फीट उंचा है, उसे छूते हुए पानी बह रहा है। बदरीनाथ मंदिर के धर्माधिकारी भुवनचंद उनियाल के अनुसार नंदादेवी ग्लेशियर से तपोवन की ओर होते हुए मैदानी क्षेत्रों के लिए आ रहा है। इससे तपोवन का डैम बह गया है। सूचना आ रही है कि कई लोग तेज बहाव की चपेट में आ गए है। एसडीएम गोपाल सिंह चौहान की माने तो पानी दोपहर में करीब 3 बजे तक पहुंच जाएगा। इससे पूरे जनपद में अलर्ट जारी कर दिया।