नवीन चौहान
उत्तराखंड में नए मुख्यमंत्री के तौर पर तीरथ सिंह रावत की ताजपोशी के साथ ही बड़े प्रशासनिक फेरबदल की सुगबुगाहट भी तेज हो गई है। फिलहाल तो तीरथ सिंह रावत को बधाईयां देने का दौर चल रहा है। उनके पास भाजपा कार्यकर्ताओं की भीड़ जुट चुकी है। भाजपाई तीरथ सिंह को मुख्यमंत्री बनाये जाने पर जश्न के रूप में ले रहे है। जबकि कांग्रेस नेता मुख्यमंत्री बदले जाने के बाद से भाजपा सरकार की नाकामी को प्रचारित करने की तैयारियों में जुट गई है।
मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर काबिज होने के बाद तीरथ सिंह रावत की डगर आसान नही है। उनके सिर पर विपरीत परिस्थितियों में कांटे का ताज सजा है। उनको कई मोर्चो पर खुद को साबित करना होगा। सबसे पहले तो नाराज भाजपा विधायकों की मनोदशा को दुरूस्त करना होगा। उनकी नाराजगी को दूर किया जायेगा। फिलहाल तो मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने से विधायक शांत रहेंगे। लेकिन नाराज विधायकों की समस्याओं का जब तक समाधान नही होगा। तीरथ सिंह रावत की परेशानी बढ़ी रहेगी। नाराज विधायकों की सबसे बड़ी परेशानी नौकरशाहों को लेकर है। तो यह तय मान लिया जाए कि उत्तराखंड में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल भी जल्द देखने को मिलेगा। वही दूसरी सबसे बड़ी चुनौती प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बयानों का सामना करने की होगी। कांग्रेस सीएम का चेहरा बदलने को लेकर हमलावर होगी और भाजपा सरकार के फेल होने, गुटबाजी होने और खराब मुख्यमंत्री के चार साल गिनाने की कोशिश जनता के बीच करेंगी। ऐसे में तीरथ सिंह रावत को जनता के बीच में रहकर उनको संतुष्ट करना होगा। फिलहाल अभी बहुत कुछ नया देखने को मिलेगा। शपथ ग्रहण के बाद से नया मुख्यमंत्री नई चुनौती के साथ मैदान में होंगे।
उत्तराखंड में बड़े प्रशासनिक फेरबदल की संभावना, सुगबुगाहट तेज

