नवीन चौहान.
उत्तराखंड में भाजपा नेता सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं, भाजपा के सभी प्रत्याशी अपनी अपनी जीत की ताल ठोक रहे हैं. हालांकि प्रचंड बहुमत की भाजपा सरकार के साठ प्लस के दावे पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। रही सही कसर जनता से मिल रहे हैं फीडबैक से पूरी हो रही है.
भाजपा सरकार से पिछले एक साल में नाराज हुई जनता अब खुलकर बोलने लगी है. जबकि चुनाव परिणाम को लेकर कांग्रेसियों के खेमे में खुशी दिखायी दे रही है। इस चुनाव में बसपा को प्रदेश में अपना खाता खुलने की उम्मीद है. आधा दर्जन से अधिक निर्दलीय चुनाव में अच्छे प्रदर्शन करते दिख रहे हैं जिसके चलते उनकी संख्या विधानसभा में ज्यादा दिखाई देती दिख रही है।
हालांकि इस बारे में अभी स्पष्ट तौर पर कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा। मतगणना 10 मार्च को होगी, जब ईवीएम खोली जाएंगे और मतों की गिनती होगी. कौन जीत रहा है और कौन हार रहा है इसका फैसला 10 मार्च को होगा, लेकिन मतगणना से पूर्व के 10 दिन बहुत टेंशन भरे दिख रहे हैं।
इससे पूर्व चुनाव मैदान में उतरे सभी प्रत्याशी अपने अपने कार्यकर्ताओं से मतदान के अनुसार आकलन कर रहे हैं. अपनी जीत और हार का गणित लगा रहे है
भाजपा और कांग्रेस के कद्दावर नेता मजबूत निर्दलीय उम्मीदवार पर डोरे डाल रहे हैं। जिन लोगों ने पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ा है और वह जीतते दिख रहे हैं पार्टी के लोग उनसे संपर्क साध रहे हैं।
दोनों ही प्रमुख दलों के नेता देख रहे हैं कि यदि सरकार बनाने के आंकड़े में एक दो सीटों की कमी दिखती है तो इन्हीं निर्दलीयों के सहारे वह सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। अब देखना यही है कि किसकी किस्मत का पिटारा खुलता है और कौन अपनी किस्मत पर रोता है।