नवीन चौहान.
विधानसभा चुनाव का दिन जैसे जैसे नजदीक आ रहा है इंतजार की उलटी गिनती शुरू हो गई हैं। अब प्रत्याशी और उनके समर्थक एक बार फिर से जीत हार का गणित लगाने में जुट गए हैं। प्रत्याशी अपनी जीत के लिए मंदिरों में मन्नत मांगते भी देखे जा सकते हैं, कुछ ज्योतिषयों के पास जाकर अपने ग्रह दिखवा रहे हैं।
आंकड़ों की कहानी सबके सामने आ जाएगी, बस थोड़ा सा इंतजार और रह गया है। अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे प्रत्याशी भी 10 मार्च को हकीकत से रूबरू हो जाएंगे। क्योंकि जनता ने किसे वोट दी और किसे नहीं यह सच सामने आ जाएगा। अभी तक जो भी दावे और आंकड़े फिट किये जा रहे हैं उनका भी सच सामने आ जाएंगे।
भाजपा दावा कर रही है कि इस बार भी सरकार उनकी ही बन रही है, जबकि कांग्रेस इस बार अपनी सरकार आने का दावा कर रही है। भाजपा भी चुनाव के दौरान यह बात जान गई है कि मुकाबला जीतना आसान समझा जा रहा था उतना था नहीं। चुनाव में इस बार कांग्रेस ने उन्हें कड़ी टक्कर दी है। भाजपा 60 पार के दावे के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी। जबकि चुनाव में उसकी हालत इस कदर पतली दिखी की उसका सत्ता पर काबिज होना भी मुश्किल दिख रहा है।
हालांकि पार्टी द्वारा कराये जा रहे सर्वे में वह अभी भी जीत का दावा कर रही है, भाजपा का दावा है कि इस बार सरकार भाजपा की ही बनेगी। अब तक 60 पार का दावा करने वाली भाजपा के कार्यकर्ता अब कहते दिख रहे हैं कि 40 से कम सीट नहीं आने वाली, यानि की सरकार भाजपा की ही बनेगी।
कांग्रेस भी दावा 40 से अधिक सीट आने का कर रही है। उसका भी दावा है कि इस बार भाजपा के महारथी अपने ही गढ़ में हारेंगे। कांग्रेस के इस दावे में कितनी सच्चाई है इसका भी खुलासा 10 मार्च को हो जाएगा। रिजल्ट आने के बाद कोई जश्न मनाएगा तो किसी को मायूसी हाथ लगेगी। अब देखना यही है कि जनता ने किसे इस बार सत्ता की कुर्सी पर बैठाने का फैसला लिया है।