नवीन चौहान.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी यूनिफार्म सिविल कोड को लागू करने के खिलाफ नहीं है पर देश की विविधता को देखते हुए इसे जबरन थोपे जाने के पक्ष में नहीं है। इसमें आपसी सहमति का रास्ता अपनाया जाना चाहिए।
बसपा सुप्रीमो ने रविवार को यूनिफार्म सिविल कोड को लेकर एएनआई और पीटीआई को बयान दिया है। मायावती ने कहा कि भारत की विशाल आबादी में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्घ और पारसी सहित विभिन्न धर्मों के मानने वाले लोग रहते हैं जिनके अलग-अलग रस्म और रिवाज हैं जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
अगर देश में सभी के लिए एक जैसा कानून लागू होगा तो इससे देश कमजोर नहीं बल्कि मजबूत होगा और आपसी सौहार्द बढ़ेगा इसीलिए संविधान में समान नागरिक संहिता का जिक्र किया गया है लेकिन उसे जबरन थोपने का प्रावधान संविधान में निहित नहीं है। इसके लिए जागरुकता व आम सहमति का रास्ता अपनाया जाना चाहिए।
- 72 लाख की स्मैक के साथ महिला नशा तस्कर गिरफ्तार
- जूता कारोबारियों के यहां आयकर विभाग का छापा, 40 करोड़ बरामद
- हरिद्वार के ट्रैवल माफिया, फर्जी रजिस्ट्रेशन पर चार धाम यात्रा
- हरिद्वार के तीन निजी कॉलेजों में नकल करते रंगेहाथों पकड़े गए छात्र— छात्राएं
- उत्तराखंड से मानसी त्रिपाठी “वर्ल्ड पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप” USA में दिखायेगी अपनी ताकत