श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज और माता साहिब कौर जी के पावन चरणों से जुड़े अवशेष हुए प्रतिष्ठित — हरदीप सिंह पुरी, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान सहित हजारों श्रद्धालुओं ने लिया हिस्सा
न्यूज127, नई दिल्ली/पटना
अपार श्रद्धा, भक्ति और आध्यात्मिक उल्लास के वातावरण में तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में शनिवार, 1 नवम्बर को पवित्र ‘जोड़े साहिब’ की विधिवत प्रतिष्ठा की गई। यह अवसर न केवल सिख पंथ के लिए ऐतिहासिक रहा, बल्कि नौ दिवसीय ‘गुरु चरण यात्रा’ के शुभ समापन का प्रतीक भी बना।
इस मौके पर केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी, बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, तथा देशभर से पहुँची विशाल संगत ने अपनी श्रद्धाभावना प्रकट की।

पवित्र ‘जोड़े साहिब’ में दशम गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के दाएं पैर की पादुका और माता साहिब कौर जी के बाएं पैर की पादुका शामिल हैं। इन पवित्र अवशेषों को अत्यंत श्रद्धा और अनुशासन के साथ दिल्ली से हरियाणा, उत्तर प्रदेश होते हुए पटना लाया गया।
पूरे मार्ग में हज़ारों श्रद्धालुओं ने सिर झुकाकर इस पावन यात्रा का स्वागत किया। पंज प्यारे की अगुवाई में संपन्न हुई यह यात्रा आस्था, सेवा और एकता का जीवंत प्रतीक बन गई।
इस अवसर पर भावुक होते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि “यह क्षण मेरे परिवार के लिए अत्यंत गर्व और भावनाओं से भरा हुआ है। लगभग 300 वर्ष पूर्व मेरे पूर्वजों को गुरु महाराज की पवित्र सेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ था और यही ‘जोड़े साहिब’ उन्हें सौंपे गए थे।” उन्होंने कहा कि आज वही पवित्र अवशेष गुरु महाराज की जन्मभूमि पटना साहिब में पुनः प्रतिष्ठित होकर तीन सदियों की आध्यात्मिक कड़ी को पुनर्जीवित कर रहे हैं।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में विभिन्न धर्मों के आध्यात्मिक प्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने भी भाग लिया, जिन्होंने आपसी सौहार्द और एकता का संदेश दिया।
‘गुरु चरण यात्रा’ की शुरुआत 22 अक्टूबर को दिल्ली से हुई थी, जब दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और तख्त श्री पटना साहिब प्रबंधक कमेटी को इन पवित्र अवशेषों का औपचारिक हस्तांतरण किया गया था। लगभग 1,500 किलोमीटर लंबी यह यात्रा श्रद्धा और सेवा की एक ऐतिहासिक मिसाल बनी।
पवित्र ‘जोड़े साहिब’ की प्राचीनता और संरक्षण का उत्तरदायित्व इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) को सौंपा गया था।
आईजीएनसीए के संरक्षण प्रभाग ने वैज्ञानिक परीक्षण, संरक्षात्मक मूल्यांकन और प्रलेखन के माध्यम से इन अवशेषों की प्रामाणिकता और पवित्रता को यथावत बनाए रखा। इस अवसर पर आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी और संरक्षण प्रभाग के प्रमुख प्रो. अचल पांड्या भी उपस्थित रहे।
अब यह पवित्र ‘जोड़े साहिब’ सदा-सर्वदा के लिए तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब, जो श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज की पावन जन्मभूमि है, में प्रतिष्ठित किए जा चुके हैं। श्रद्धालु अब यहाँ आकर नित्य दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे।
यह ऐतिहासिक अवसर न केवल सिख इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ता है, बल्कि यह गुरु महाराज की भक्ति, सेवा, और आध्यात्मिक ज्योति की अमिट परंपरा को भी पुनः उजागर करता है।





