हरिद्वार।
हरिद्वार में जमीन से जुड़े एक गंभीर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है, जिसमें कूटरचित दस्तावेज तैयार कर एक संपत्ति की फर्जी रजिस्ट्री की गई और उसे पहले एक व्यक्ति को, फिर आगे अन्य लोगों को बेच दिया गया। ज्वालापुर कोतवाली पुलिस ने शिकायत के आधार पर चार नामजद आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी सहित विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस को दी गई तहरीर में नमन शर्मा पुत्र नवीन कुमार शर्मा निवासी संगमपुरी-3, सप्तसरोवर रोड, साधूबेला ने बताया कि उसके दादा स्वर्गीय न्याय मित्र शर्मा ने वर्ष 2005 में विनोद निवासी ग्राम कांगड़ी, थाना श्यामपुर से 5069 वर्ग फुट भूमि खरीदी थी। यह भूमि ग्रीन वैली फेस-3, ग्राम कांगड़ी में स्थित है, जिसमें कुल पांच प्लॉट शामिल हैं। पीड़ित के अनुसार, उसके दादा ने उक्त संपत्ति की विधिवत वसीयत 31 मई 2014 को ऋषिकेश स्थित उप निबंधक कार्यालय में पंजीकृत कराई थी। इसके कुछ ही दिनों बाद 15 जून 2014 को उनके दादा का निधन हो गया। नमन शर्मा ने बताया कि उसके पिता जन्म से ही मूक हैं और वह स्वयं बीमा एजेंट के रूप में कार्य करता है।
नमन शर्मा का आरोप है कि 24 अक्टूबर को जब वह अपनी जमीन पर पहुंचा तो आसपास के लोगों से जानकारी मिली कि विनोद ने देवेंद्र निवासी भूपतवाला और रवीकांत निवासी गाजीवाली के साथ मिलकर उक्त भूमि को 30 दिसंबर 2019 को नूतन निवासी गाजीवाली के नाम बेच दिया था। इसके बाद नूतन ने भी उसी जमीन को आगे अन्य लोगों को विक्रय कर दिया।
शिकायतकर्ता ने बताया कि जब उसने तहसील ज्वालापुर से संबंधित रजिस्ट्री और दान पत्र की प्रमाणित प्रतियां प्राप्त कीं, तब पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। आरोप है कि सभी नामजद आरोपियों ने तहसील परिसर में कूटरचित व मिथ्या दस्तावेज तैयार कर, बिना किसी वैध अधिकार के संपत्ति का विक्रय किया और अनुचित लाभ अर्जित किया।
कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और गहन जांच की जा रही है। दस्तावेजों की सत्यता की पड़ताल के साथ-साथ आरोपियों की भूमिका की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जांच में दोषी पाए जाने वालों को जल्द ही गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हरिद्वार में फर्जी दस्तावेजों से कूटरचित रजिस्ट्री, चार लोगों पर मुकदमा दर्ज



