ITBP घोटाले मामले में CBI ने 8 अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ दर्ज किये दो मुकदमे




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न्यूज 127.
आईटीबीपी की सातवीं बटालियन मिर्थी, पिथौरागढ़ में करोड़ों के घोटाले के आरोप में सीबीआई ने दो मुकदमे दर्ज किए है। प्राथमिक जांच के बाद सीबीआई ने आठ अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ अलग अलग दो मुकदमे दर्ज किए हैं। आरोप है कि रसद, केरोसिन और अन्य सामान के ढुलाई किराए में हेराफेरी की गई है।

जानकारी के मुताबिक मुकदमा मिर्थी बटालियन के कमांडेंट परमेंद्र सिंह की शिकायत पर हुए हैं।
पहला मुकदमा 2017 से 2019 के बीच मिर्थी में तैनात रह चुके कमांडेंट महेंद्र प्रताप, डिप्टी कमांडेंट दीपक गोगोई, डिप्टी कमांडेंट मुकेश चंद मीणा, ठेकेदार मदन सिंह राणा, पूरन सिंह
और कुंदन सिंह भंडारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोप है कि कमांडेंट महेंद्र प्रताप व अन्य अधिकारियों ने इन ठेकेदारों के साथ मिलकर केरोसिन की अलग अलग बॉर्डर पोस्ट पर ढुलाई किराया दर्शाया।

हेराफेरी कर खच्चरों और प्राइवेट वाहनों के स्थान पर ढुलाई करने वाले के माध्यम से दर्शाया। करीब 22.07 लाख रुपये का घोटाला किया। ठेकेदार मदन सिंह राणा पिथौरागढ़ निवासी है। जबकि, पूरन सिंह और कुंदर सिंह भंडारी बंगबंग गांव निवासी हैं। बताया गया कि तत्कालीन कमांडेंट महेंद्र प्रताप मौजूदा सामान्य में आईटीबीपी मध्य प्रदेश में तैनात है। तत्कालीन डिप्टी कमांडेंट दीपक गोगोई हरियाणा में तैनात है। जबकि, मुकेश चंद्र मीणा वर्तमान में गुवाहाटी में तैनात हैं।

दूसरा मुकदमा 2020 से 2021 के बीच मिर्थी में कमांडेंट रहे अनुप्रीत बोरकर, डिप्टी कामांडेंट दीपक गोगोई, डिप्टी कमांडेंट पूरन राम, डिप्टी कमांडेंट मुकेश चंद मीणा और इंस्पेक्टर अनिल कुमार के खिलाफ हुआ है। आरोप है कि इन्होंने ठेकेदार मदन सिंह राणा के साथ मिलकर अलग अलग सामग्री की ढुलाई में हेराफेरी की है। जिसमें 1.54 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है।