नवीन चौहान
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दिल्ली बुलावे के बाद उत्तराखंड में एक बार फिर से सियासी भूचाल आ गया है। सियासी गलियारों में मुख्यमंत्री के भविष्य को लेकर अटकले लगाई जाने लगी है। मुख्यमंत्री की हाईकमान से मुलाकात के सियासी मायने निकाले जाने लगे है। केंद्रीय परिवेक्षक रमन सिंह की रिपोर्ट के बाद सीएम के दिल्ली बुलावे को सियासी गलियारों में नेतृत्व परिवर्तन से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि भाजपाई सूत्रों के मुताबिक सीएम के दिल्ली बुलाने के पीछे उत्तराखंड के विकास को लेकर चर्चा और खाली मंत्री पदों को भरने पर बातचीत होने की खबरे निकलकर आ रही है। संभावना है कि उत्तराखंड में जल्द ही तीन विधायकों को मंत्रीमंडल में शामिल करके जिम्मेदारी सुपुर्द की जायेगी। जिसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आगामी एक साल तमाम क्षेत्रों का भ्रमण कर सके और पार्टी का प्रचार कर सके।
फिलहाल यह सब कुछ तो मुख्यमंत्री के दिल्ली से लौटने के बाद ही साफ हो पायेगा। लेकिन नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहे फिलहाल जोर पकड़ चुकी है। उत्तराखंड में भाजपा के ही नेता अपनी पुरजोर पैरवी करते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिल्ली बुलाया, उत्तराखंड में सियासी भूचाल आया




