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दिल्ली पब्लिक स्कूल रानीपुर ने हरिद्वार के तमाम स्कूली बच्चों की कला प्रतिभा को निखारने के लिए 32वीं अन्तर विद्यालयी आशु चित्रकला प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। बच्चों को पर्यावरण संरक्षण, प्राकृतिक सम्पदा, वन्य जीवन, जलीय जीवन, भविष्य की काल्पनिक दुनिया, अंतरिक्ष अंवेक्षण एवं मेरे सपनो की दुनिया सम सामयिक विषयों में रंग भरने का अवसर प्रदान किया गया। हरिद्वार जनपद के करीब 23 विद्यालयों से 1000 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। कला प्रतियोगिता को लेकर बच्चों में उत्साह और रोमांच देखने को मिला।

डीपीएस रानीपुर के प्रधानाचार्य अनुपम जग्गा ने हरिद्वार के विभिन्न स्कूलों के करीब एक हजार बच्चों का कला प्रतियोगिता में स्वागत किया। रंग बिरंगे परिधानों में स्कूल प्रांगण पहुंचे बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था। अपनी कला प्रतिभा को दिखाने के लिए बच्चे पूरी तैयारी के साथ पहुंचे। प्रधानाचार्य डॉ अनुपम जग्गा ने सभी प्रतिभागियों को अपना आशीर्वाद देकर प्रतियोगिता का उद्घाटन किया। जिसके बाद सभी बच्चे अपनी काल्पनिक शक्ति को रंगों से भरने लगे।

प्रधानाचार्यअनुपम जग्गा ने सभी विद्यालयों एवं उनके प्राचार्यों का आभार प्रकट करते हुए आयोजन के संबंध में बताया कि बच्चों की कल्पना शक्ति का कोई सानी नही है। बच्चों के मन मष्तिष्क में तमाम विचार उमड़ते है। बच्चों की मनोदशा और काल्पनिक शक्ति को परखने और उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए इस बार का विषय भविष्य की काल्पनिक दुनिया, ‘मेरे सपनो की दुनिया’ रखा गया है। इसी के साथ जीव जन्तुओं के प्रति सजगता बढ़ाने तथा उनके प्रति सद्भावना जागृत करने के उद्देश्य से ‘हमारा पर्यावरण’ विषय भी सम्मलित किया गया।

डॉ अनुपम जग्गा ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि आज इतनी बड़ी संख्या में बच्चों का डीपीएस रानीपुर में आना विद्यालय के वातावरण को आलौकिक बना रहा है। मधुर संगीत के मध्य बच्चों को तल्लीनता के साथ चित्र बनाते देखना वास्तव में एक सुखद अनुभव है। यह कला संगम सभी विद्यालयों का डीपीएस रानीपुर व इस प्रतियोगिता के प्रति स्नेह दर्शाता है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में मनीषा जग्गा ने भी उपस्थित रह कर बच्चों का उत्साहवर्धन किया।

बच्चों ने बड़े ही उत्साह के साथ दिए गये विषयों के अनुसार रंग बिरंगे चित्रों को कागज पर उकेरना शुरू किया किसी ने नाचता हुआ मोर बनाया तो किसी ने जंगल में दौड़ता हिरन, किसी ने आकाश में उडता रॉकेट बनाया तो किसी ने पंख फैला कर उडती हुई सुदंर परी, सभी अपनी कल्पना को कागज पर उतार रहे थे। हजारो बच्चों को एक साथ चित्र बनाता देख ऐसा लग रहा था मानों सैकड़ो रंगबिरगें पुष्प एक साथ पुलकित हो रहे हों। छोटे बच्चों ने अपने मनपसंद कार्टून चरित्रों एवं परियों की भी चित्रकारी की। बच्चों का उत्साह एवं रचनात्मकता देखते ही बन रहा था।

प्रतियोगिता में किसी ने पंख फैला कर उडती हुई सुदंर परी, सभी अपनी कल्पना को कागज पर उतार रहे थे। हजारो बच्चों को एक साथ चित्र बनाता देख ऐसा लग रहा था मानों सैकड़ो रंगबिरगें पुष्प एक साथ पुलकित हो रहे हों। छोटे बच्चों ने अपने मनपसंद कार्टून चरित्रों एवं परियों की भी चित्रकारी की। बच्चों का उत्साह एवं रचनात्मकता देखते ही बन रहा था।

विदित हो कि डीपीएस रानीपुर पिछले 32 वर्षों से यह कला प्रतियोगिता निरंतर आयोजित कर रही है। इस प्रतियोगिता में बच्चों के साथ साथ शिक्षकों को भी इसमें भाग लेने का मौका दिया जाता है। तथा विभिन्न समसामयिक मुद्दों के साथ साथ भारत की संस्कृति एवं गौरव देश दुनिया पर्यावरण से रूबरू कराने का प्रयास किया जाता है।

इस आशु चित्रकला प्रतियोगिता में कक्षा प्रेप से कक्षा बारह तक के बच्चों के लिए थी जिन्हें आठ खण्डों में बांटा गया था। आकांक्षा विद्यालय के विशेष बच्चों ने भी इस प्रतियोगिता में बढचढ कर भाग लिया।

प्रतियोगिता में आकांक्षा, आर के एस मैमोरियल, डीएवी जगजीतपुर, मां सरस्वती पब्लिक स्कूल, गुरुनानक ऐकेडमी, मां आनंदमयी स्कूल, बटरफलाई स्कूल, न्यू सेंट थॉमस स्कूल, एंजिल्स एकेडमी, श्रीराम विद्यामंदिर श्यामपुर, पुलिस मार्डन स्कूल, जेपीएसएस पब्लिक स्कूल, सेंट मेरी ज्वालापुर, डीपीएस दौलतपुर जूनियर कनखल, डीपीएस दौलतपुर माता वैष्णव देवी हाईस्कूल, शिवडेल भेल, आर्चायकुलम, आर्यन हेरिटेज, क्रिसेंट स्कूल, डीएसबी स्कूल, सांई संस्कार, शैफिल्ड रूड़की, डीपीएस रानीपुर ने भाग लिया।

इस प्रतियोगिता का संयोजन डीपीएस रानीपुर के कला विभाग द्वारा किया गया। परिणामों की घोषणा फरवरी माह में की जाएगी।



