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डीएवी पब्लिक स्कूल देहरादून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बोर्ड परीक्षा देने जा रहे बच्चों संग की गई ‘परीक्षा पे चर्चा’ का सीधा प्रसारण किया गया। जिसे विद्यालय के बच्चों ने ध्यानपूर्वक देखा और सुना। प्रधानमंत्री द्वारा दिये गए सफलता के मूलमंत्र को बच्चों ने आत्मसात करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर में निगम पार्षद देवेंद्र गैरोला, प्रधानाचार्या शालिनी समाधिया एवं सभी शिक्षक-शिक्षिकाएँ विद्यार्थियों सहित उपस्थित रहे।

नई दिल्ली स्थित सुंदर नर्सरी के शांत एवं सुरम्य वातावरण में प्रश्नोत्तरी के रूप में की गई इस चर्चा के अंतर्गत प्रधानमंत्री जी ने बच्चों से परीक्षा संबंधी तनाव को कम करने व उनका मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से देश के सभी परीक्षार्थी बच्चों के नाम अपना संदेश दिया। बड़े ही रोचक ढंग से की गई इस चर्चा-परिचर्चा के माध्यम से प्रधानमंत्री जी ने विभिन्न राज्यों से आए हुए बच्चों से बातचीत करते हुए उनके द्वारा पूछे गए सभी प्रश्नों का उत्तर देकर बच्चों को परीक्षा की तैयारी करने संबंधी अनेक उपयोगी एवं लाभदायक सुझाव दिए।

अपनी बातचीत में उन्होंने बच्चों से कहा कि परीक्षाएँ जीवन का एक अभिन्न अंग तो हैं परंतु जीवन का लक्ष्य नहीं। उन्होंने युवा पीढ़ी को जीवन में सफलता प्राप्त करने तथा किसी भी प्रकार के बाहरी व आंतरिक दबाव से दो दो हाथ करने के लिए सुझाव देते हुए कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को अपनी दिनचर्या को नियमित बनाने, संयम व धैर्य जैसे गुणों को अपने अंदर आत्मसात् करने, दूसरों के लिए एक उदाहरण बनने, समूह में कार्य करने की भावना का अपने भीतर विकास करने की आवश्यकता है।

इसके साथ ही उन्होंने बच्चों को शिक्षा व पाठ्येतर गतिविधियों के मध्य संतुलन बनाते हुए जीवन में आगे बढ़ने की बात पर भी ज़ोर दिया तथा किसी भी प्रकार की समस्या या मानसिक परेशानी से निपटने के लिए अपने मन की बात अपने स्वजनों से सांझाकर चिंतामुक्त होने की सलाह दी। उन्होंने अपनी बात बेहतर तरीके से समझाने के लिए अनेक प्रकार की क्रियाओं द्वारा बच्चों को इस बातचीत से जोड़ने का सफल प्रयास किया। उन्होंने कहा कि सही तरीके से साँस लेने की क्रिया का अभ्यास, ध्यान व हास्य चिकित्सा आदि शारीरिक अभ्यास व्यक्ति को तनाव-मुक्त बनाने में कारगर सिद्ध होते हैं।

प्रधानमंत्री जी ने बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों के लिए भी बहुत महत्त्वपूर्ण बातें कहीं।
उन्होंने अभिभावकों से अनुरोध किया कि वे अपनी महत्वकांक्षाओं का भार बच्चों के नाज़ुक कंधों पर ना डालें और बच्चों को उनकी रुचि के अनुरूप कार्य करने की स्वतंत्रता प्रदान करें, अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से ना करके अपने बच्चों की योग्यता पर पूरा भरोसा रखें तथा उन्हें समझे व आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने यह भी कहा कि जीवन में सैद्धांतिक ज्ञान से कहीं बढ़कर व्यवहारिक ज्ञान है। परीक्षाओं के इस कठिन समय में बच्चे अपने आपको अकेला ना समझें।
बच्चों को सफलता के लिए प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि असफलता ही सफलता प्राप्त करने के लिए ईंधन के समान है। बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य कौशलों में भी प्रवीण बनने की ओर ध्यान देना चाहिए। लिखने का निरंतर अभ्यास भी बच्चों के लिए निश्चित रूप से उपयोगी है। परीक्षा के इन दिनों में बच्चे स्वयं को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखने हेतु निरंतर प्रयास करें। परीक्षा की तैयारी हेतु बच्चे समय-सारिणी बनाकर दिन के 24 घंटों का सही दिशा में सदुपयोग करें।अपने लक्ष्य को निर्धारित करते हुए आगे बढ़ें। उनका यह भी कहना था कि सफलता के इन सूत्रों का पालन करने वाले को जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। उसकी जीत सुनिश्चित है।
सभी बच्चों ने इस कार्यक्रम को बड़ी ही तल्लीनता से सुना व समझा। इस कार्यक्रम की समाप्ति पर निगम पार्षद श्री देवेंद्र गैरोला जी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि देश का कुशलतापूर्वक नेतृत्व कर रहे हमारे प्रधानमंत्री जी द्वारा कहे गए शब्द बच्चों में नई चेतना, उच्च मनोबल व विलक्षण प्रतिभा का विकास करने में पूर्णतया सक्षम हैं। उनके द्वारा दिए गए सुझाव देश के सभी बच्चों के लिए अनुकरणीय हैं। विद्यालय की प्रधानाचार्या शालिनी समाधिया ने बच्चों को देश के प्रधानमंत्री द्वारा कही गई सभी आवश्यक बातों पर अमल करने की सीख देते हुए आगामी परीक्षाओं में अच्छी सफलता प्राप्त करने हेतु अपना शुभाशीष एवं शुभकामनाएँ दीं।