नवीन चौहान
संजीत अपहरण कांड में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई करते हुए आईपीएस अपर्णा समेत चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। सीएम की यह बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
बतादें कानपुर बर्रा के संजीत यादव का 22 जून को अपहरण हो गया था। संजीत यादव लैब टेक्नीशियन था। उसके अपहरण के बाद 13 जुलाई को अपहरणकर्ताओं ने परिजनों ने 30 लाख की फिरौती भी वसूल की। यह बात स्वयं परिजनों ने कही और आरोप लगाया कि फिरौती की रकम पुलिस के माध्यम से ही दी गई। इस मामले में पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए अपहरण में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि संजीत का अपहरण उसके दोस्तों ने ही किया था। अपहरण के बाद चार दिन तक उसे बंधक बनाकर रखा गया और 26 जून को उसकी हत्या कर शव नदी में फेंक दिया गया। हत्या के बाद आरोपियों ने परिजनों से संजीत को जिंदा वापस करने के बदले 30 लाख की फिरौती की मांग की। आरोप है कि पुलिस ने अपनी योजना बनाकर परिजनों से अपहर्ताओं को फिरौती की रकम देने के लिए कहा। पुलिस ने दावा किया था कि जैसे ही अपहर्ता फिरौती की रकम लेने आएंगे उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, अपहरणकर्ता फिरौती की रकम ले गए और पुलिस देखती रह गई। इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त कदम उठाते हुए तत्कालीन डिप्टी एसपी मनोज गुप्ता, आईपीएस अपर्णा गुप्ता, पूर्व प्रभारी निरीक्षक थाना बर्रा रणजीत राय व चौकी इंचार्ज राजेश कुमार को निलंबित कर दिया। एडीजी बीपी जोगदंड संजीत के घर जांच के लिए पहुंचे। उन्होंने संजीत की मां, बहन और पिता से पूरा घटनाक्रम जाना। बीपी जोगदंड पुलिस के द्वारा फिरौती की रकम अपहरणकर्ताओं को दिए जाने की जांच कर रहे हैं।
आईपीएस अर्पणा समेत सीएम ने चार अधिकारी किये सस्पेंड

