देवभूमि रजत उत्सव में संस्कृति और भक्ति का संगम: लेज़र शो और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मोहा मन




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न्यूज 127. हरिद्वार।
उत्तराखंड राज्य के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित देवभूमि रजत उत्सव के पहले दिन हरिद्वार का माहौल भक्ति और संस्कृति की रंगीन छटा में डूबा नजर आया। रोडीबेलवाला पार्किंग स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में देर शाम तक दर्शक कलाकारों की प्रस्तुतियों और आकर्षक लेज़र शो का आनंद लेते रहे।

लेज़र शो में दिखी उत्तराखंड की झलक
कार्यक्रम की सबसे आकर्षक प्रस्तुति रही लेज़र शो, जिसमें पेड़ों पर प्रदर्शित होती विविध आकृतियों ने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लेज़र किरणों के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति, देवालयों, प्राकृतिक सौंदर्य और राज्य की विकास यात्रा को खूबसूरती से प्रदर्शित किया गया। दर्शकों ने मोबाइल की फ्लैशलाइट्स जलाकर इस अद्भुत दृश्य का स्वागत किया।

भक्ति रस में डूबा मंच
इसके बाद नृत्यगान समूह देहरादून द्वारा “मानो तो गंगा मां हूँ” और “ओम जय जगदीश हरे” जैसे भक्ति गीतों पर प्रस्तुतियां दी गईं। कलाकारों की मधुर वाणी और मनमोहक नृत्याभिनय ने वातावरण को पूर्णतः भक्तिमय बना दिया। मंच पर जैसे ही कलाकारों ने मां गंगा की आराधना की प्रस्तुति दी, पूरा पंडाल श्रद्धा और भावनाओं से सराबोर हो उठा।

धार्मिक और सांस्कृतिक समन्वय की झलक
कार्यक्रम में कलाकारों ने उत्तराखंड की लोक संस्कृति, देवी-देवताओं की आराधना और पारंपरिक लोकनृत्य की झलक भी पेश की। ढोल-दमाऊं की थाप, झोड़ा-छपेली के कदम और गढ़वाली-कुमाऊंनी संगीत की धुनों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

दर्शकों ने दी भरपूर सराहना
कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की गई हर झांकी और गीत पर तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। दर्शकों ने कहा कि इस प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन न केवल राज्य की समृद्ध परंपरा को जीवित रखते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम हैं।