न्यूज 127. देहरादून
राजधानी देहरादून की यातायात प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए पुलिस कार्यालय में अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) डॉ वी मुरूगेशन की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। जनपद के सभी राजपत्रित अधिकारियों की उपस्थिति में चली इस महत्वपूर्ण बैठक में देहरादून ट्रैफिक सिस्टम की चुनौतियों और उपलब्ध संसाधनों पर विस्तृत चर्चा हुई।
क्षेत्राधिकारी यातायात ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से एडीजी को बताया कि बढ़ते वाहन दबाव, संसाधनों की कमी और लगातार बढ़ रहे वीआईपी–वीवीआईपी मूवमेंट के कारण शहर के मार्गों पर ट्रैफिक दबाव लगातार बढ़ रहा है। जनपद में पंजीकृत 12 लाख से अधिक वाहन और 20 बॉटलनेक्स यातायात संचालन को बड़ी चुनौती बनाए हुए हैं।
फोर्स की भारी कमी से जूझ रहा ट्रैफिक विभाग
बैठक में खुलासा हुआ कि वर्ष 2017 में जहां ट्रैफिक में 411 पुलिसकर्मी तैनात थे, वहीं वर्तमान में यह संख्या घटकर सिर्फ 269 रह गई है। फोर्स की कमी के चलते विकासनगर, मसूरी सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ट्रैफिक पुलिस की तैनाती तक संभव नहीं हो पा रही है।
बढ़ते कार्यक्रम, बढ़ती जिम्मेदारियाँ
वर्ष 2024 में— 4145 जुलूस/रैली/धरना, 38 मेले/त्योहार, 2825 वीआईपी कार्यक्रम
जबकि 2025 में अब तक— 2653 जुलूस/रैली/धरना, 32 मेले/त्योहार, 2575 वीआईपी कार्यक्रम आयोजित हो चुके हैं। स्पष्ट है कि पुलिस को हर दिन भीड़, दबाव और भीषण ट्रैफिक से जूझते हुए अतिरिक्त दायित्व निभाने पड़ रहे हैं।
सुधारात्मक कार्रवाई से सड़क दुर्घटनाओं में 18% की कमी
ट्रैफिक पुलिस द्वारा सख्त इनफोर्समेंट के चलते ड्रंक एंड ड्राइव, ओवरस्पीडिंग और रैश ड्राइविंग के खिलाफ पिछले वर्ष की तुलना में 2 से 3 गुना अधिक कार्रवाई की गई है। इसका सीधा प्रभाव सड़क सुरक्षा पर दिखा और दुर्घटनाओं में 18 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
वर्ष 2025 में कार्रवाई का ग्राफ रिकॉर्ड स्तर पर
कुल चालान — 42.40% वृद्धि, शराब पीकर वाहन चलाना — 274% वृद्धि, खतरनाक तरीके से वाहन चलाना — 111% वृद्धि, ओवर स्पीड — 177% वृद्धि, रेड लाइट जम्पिंग — 98% वृद्धि, नाबालिग ड्राइविंग — 666% वृद्धि
ये आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि पुलिस ने कानून उल्लंघन के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।
एडीजी के कड़े निर्देश — ट्रैफिक सुधार अब मिशन मोड में
बैठक के अंत में एडीजी कानून-व्यवस्था डॉ वी मुरूगेशन ने अधिकारियों को ट्रैफिक सिस्टम को “अभियान मोड” में बदलने के निर्देश दिए। प्रमुख निर्देश में कहा कि ड्रंक एंड ड्राइव और ओवरस्पीडिंग पर विशेष फ्लाइंग स्क्वॉड,रात में रैंडम चेकिंग होगी, लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई अनिवार्य। पीक आवर्स में एसएचओ स्वयं सड़क पर, किसी क्षेत्र में अनावश्यक जाम हुआ तो संबंधित एसएचओ की जिम्मेदारी तय होगी। बेसमेंट पार्किंग खाली कराई जाए। जिन प्रतिष्ठानों ने पार्किंग को गोदाम बनाया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई। नो-वेंडिंग जोन पर जीरो टॉलरेंस, नगर निगम के सहयोग से बोर्ड स्थापित होंगे, उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई। बॉटलनेक्स पर सुधारात्मक कार्य, नो-पार्किंग में खड़े वाहनों की नियमित टोइंग कार्रवाई। जनता से नियमित संवाद— ट्रैफिक समस्याओं पर सामुदायिक गोष्ठियां आयोजित होंगी। रैली–जुलूसों की रियल टाइम अपडेट— एफएम, सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से तत्काल सूचना प्रसारण। निर्माण कार्य केवल रात में पीडब्लूडी, यूपीसीएल और जीएआईएल, जल संस्थान को संयुक्त शेड्यूल पर काम करने के निर्देश।
बैठक में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारी
निदेशक यातायात एन.एस. नपलच्याल, पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल राजीव स्वरूप, एसएसपी देहरादून अजय सिंह सहित जनपद के सभी राजपत्रित अधिकारी उपस्थित रहे।



