नवीन चौहान
केंद्र और राज्य सरकार विभागों को जनता के हितों के लिए बजट दे रही हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी बजट को खर्च नहीं कर पा रहे हैं। सामने आया कि कुछ विभागों द्वारा शत-प्रतिशत, कुछ के द्वारा 60 प्रतिशत, कुछ विभागों द्वारा 50 प्रतिशत तथा कुछ के द्वारा 30 प्रतिशत धनराशि ही संबंधित कार्यों में व्यय की है। यह खुलासा जिलाधिकारी हरिद्वार सी रविशंकर की समीक्षा बैठक में हुआ। उन्होंने दिसंबर महीने तक लक्ष्य पूरा कराने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने जिला योजना, राज्य सेक्टर, केन्द्र पोषित, बीस सूत्रीय कार्यक्रम के सम्बन्ध में संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें बीस सूत्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत पंचायत राज विभाग, जल संस्थान, वैकल्पिक ऊर्जा, लघु सिंचाई, नलकूप खण्ड, चिकित्सा, समाज कल्याण, दुग्ध विकास, सहकारिता, लघु उद्योग, खादी ग्रामोद्योग, रेशम, पर्यटन, सूचना, सेवायोजन, मत्स्य, उद्यान, पशुपालन, कृषि, गन्ना, युवा कल्याण, खेलकूद, पेयजल, लोक निर्माण, बाल प्रतिरक्षण, खाद्य सुरक्षा, वन विभाग, सिंचाई खंड रूड़की, नलकूप खण्ड हरिद्वार, अल्पसंख्यक कल्याण, बाल विकास पुष्टाहार, नमामि गंगे योजना, अमृत योजना, एलोपैथिक चिकित्सा, प्राथमिक शिक्षा विभागों को जो धनराशि विभिन्न कार्यों के लिये स्वीकृत हुई थी, उसके सापेक्ष विभागों द्वारा जो व्यय किया गया, के संबंध में प्रत्येक विभाग से विस्तृत जानकारी ली तथा कुछ विभागों की नगण्य प्रगति पर कड़ी नाराजगी प्रकट की। बैठक में यह तथ्य सामने आया कि कुछ विभागों द्वारा शत-प्रतिशत, कुछ के द्वारा 60 प्रतिशत, कुछ विभागों द्वारा 50 प्रतिशत तथा कुछ के द्वारा 30 प्रतिशत की राशि ही सम्बन्धित कार्य में व्यय की है।
बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों ने बताया कि माह दिसंबर या उससे भी पूर्व जितने भी निर्माण आदि कार्य किए जा रहे हैं, वे पूर्ण कर लिए जाएंगे।
जिलाधिकारी ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिस भी योजना के लिए जो धनराशि जारी होती है, वह कार्य निर्धारित समय में पूरा होना चाहिए। योजना के अंतर्गत जो धनराशि आवंटित होती है, वह संबंधित योजना में व्यय होनी चाहिए, उसे बचाये रखने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रगति न होने के क्या कारण रहे, यह स्पष्ट करना होगा, जिसके लियेे सम्बन्धित की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जिला योजना, राज्य योजना एवं केंद्र पोषित आदि योजनाओं के अन्तर्गत जितने भी निर्माण कार्य किए जा रहे है वे निर्धारित समयावधि में पूर्ण कर लिए जाएं तथा कार्याें की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
जनता हितों के लिए सरकार मेहरबान, लेकिन अधिकारी खर्च नहीं कर पा रहे बजट, डीएम सख्त




