वृक्षों की देखभाल अपने बच्चों की तरह करें- बेबी रानी मौर्य
सोनी चौहान
ज्ञान और उल्लास के पावन पर्व वसंत पंचमी के अवसर पर परमार्थ निकेतन, गंगा एक्शन परिवार के द्वारा तथा एचडीएफसी बैंक के सहयोग से रेलवे स्टेशन, ऋषिकेश की रेलवे वाटिका में वृक्षारोपण किया गया। उत्तराखण्ड महामहिम बेबी रानी मौर्य और परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष चिदानन्द सरस्वती ने दीप प्रज्जवलित कर वृक्षारोपण अभियान का शुभारम्भ किया।
विगत कई वर्षो से परमार्थ निकेतन, गंगा एक्शन परिवार द्वारा वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है। प्रत्येक मानसून सीजन में उत्तराखण्ड सहित अन्य राज्यों के विद्यालयों, गुरूकुलों, मदरसों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर वृक्षारोपण किया जाता रहा है। विगत वर्ष अमन-एकता हरियाली यात्रा के माध्यम से लाखों पौधों का रोपण किया गया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती गंगा आरती में तथा अपने उद्बोधनों के माध्यम से अन्य संस्थाओं को भी प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के कार्यो के लिये प्रेरित करते है। इसी से प्रेरित होकर एचडीएफसी बैंक ने परमार्थ निकेतन, गंगा एक्शन परिवार के साथ मिलकर वृक्षारोपण करने का संकल्प लिया है। जिसमें 1 लाख पौधे एचडीएफसी बैंक द्वारा प्रदान किये जायेंगे। पौधों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये ’ग्रो ट्रीज’ नामक संस्था से अनुबंध किया गया है।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि ’’बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा माना गया है तथा बसंत पंचमी को फूलों के खिलने और नई फसल के आगमन का त्योहार भी कहा जाता है। बसंत के अवसर पर प्रकृति की खूबसूरती चरम पर होती है उसी खूबसूरती को बनाये रखने के लिये स्वामी चिदानन्द सरस्वती के मार्गदर्शन एवं सान्निध्य में आयोजित वृक्षारोपण अभियान वास्तव में एक दिव्य आयोजन है।’’
महामहिम बेबी रानी मौर्य ने कहा कि वैसे तो भारत उन देशों में से एक है जहां वनों का अस्तित्व बढ़ रहा है परन्तु भारत के पास विकास के दबाव के साथ अत्यधिक भू – जनसांख्यिकीय भार भी है। जिसके कारण हमारा देश जैव विविधता की जोखिम का सामना कर रहा है। इस समय भारत के नागरिकों का कर्तव्य है कि जिसके पास जहां पर भी खाली जमीन पड़ी है उस पर वृक्षारोपण करें और पौधों की देखभाल अपने बच्चों के समान करें। साथ ही उत्तराखण्ड के विश्वविद्यालयों में वृक्षारोपण करवाने की बात पर भी कही।
चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि आज के इस दिव्य अवसर पर सभी के हृदय में ज्ञान, उल्लास, उमंग और दिव्यता की तरंग का संचार हो। उन्होेने कहा कि संत और बसंत में वैसे तो अनेक समानतायें है परन्तु प्रमुखतः जब बसंत आता है तो प्रकृति सुधर जाती है और जब संत आते है तो संस्कृति सुधर जाती है इसलिये सभी को संत स्वरूप आचरण के साथ प्रकृति और संस्कृति दोनों के सुधार के लिये कार्य करना होगा तभी हम प्रदूषण रूपी वैश्विक समस्या का समाधान कर सकते है।
प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि धरती जब अपना परिधान बदलती है तब वसंत आता है। वैसे तो उत्तराखण्ड में 70 प्रतिशत भूमि पर जंगल है परन्तु हमें अपने पूरे राष्ट्र को स्वस्थ रखने के लिये यहां से आक्सीजन की आपूर्ति करना होगा इसलिये पौधों का रोपण करना नितांत अवश्यक है।
एचडीएफसी बैंक के अनुजराज मिश्र ने कहा कि ’हम आज प्रकृति के उल्लास के पर्व वसंत पंचमी के अवसर पर प्रकृति के संरक्षण हेतु वृक्षारोपण करने के लिये एकत्र हुये है। हमारा उद्देश्य है कि आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित और उज्जवल भविष्य प्राप्त सकें। मैं हमारे बीच उपस्थित हमारे मार्गदर्शक पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूँ जिन्होने अपने उद्बोधन से नहीं बल्कि अपने जीवन से हमें प्रकृति के सान्निध्य में जीवन जीना और पर्यावरण व जल संरक्षण का संदेश दिया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने वहां उपस्थित सभी को एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प कराया। साथ ही विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति हेतु विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया। परमार्थ निकेतन द्वारा सभी विशिष्ट अतिथियों को पर्यावरण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट स्वरूप प्रदान किया गया।
इस अवसर पर अल्प संख्यक आयोग अध्यक्ष सरदार नरेंद्र जीत सिंह बिन्द्रा, प्रदीप मौर्य, गोविन्द अग्रवाल, अनिल मेहरोत्रा, इन्द्र प्रकाश अग्रवाल, विशन खन्ना, सी ए शेखर, अजय गुप्ता, मदन कोठारी, मदन शर्मा, स्टेशन अधिक्षक आर के मीणा, एचडीएफसी बैंक की ओर से संजीव कुमार, अनुजराज मिश्र, गुरूमीत सिंह एवं अन्य अधिकारी, परमार्थ निकेतन के व्यवस्थापक राम अनन्त तिवारी, नन्दिनी त्रिपाठी, नरेन्द्र बिष्ट, वंदना शर्मा, आचार्य संदीप, आचार्य दीपक, अमित यादव, राकेश रोशन, मुकेश, उदय, परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार, परमार्थ परिवार के सदस्य, विश्व के अनेक देशों से आये श्रद्धालु, स्थानीय अतिथिगण, रेलवे स्टेशन ऋषिकेश के अधिकारीगण, नगर निगम ऋषिकेश के अधिकारीगण उपस्थित थे।