न्यूज 127.
हरिद्वार, गंगा नदी के तट पर बसा उत्तराखंड राज्य के प्रमुख शहरों व तीर्थस्थलों में से एक है। हरिद्वार न केवल एक तीर्थ है, बल्कि चारधाम यात्रा का धार्मिक और भौगोलिक आधार-स्तंभ भी है। हरिद्वार चारधाम यात्रा (केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) की दृष्टि से एक प्रारंभिक और अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है जिसे ‘चारधाम यात्रा का द्वार भी कहा जाता है। यह यात्रा की आत्मिक तैयारी, गंगा स्नान, संकल्प और आध्यात्मिक ऊर्जा से जुड़ा हुआ एक पवित्र पड़ाव है जहां लाखों श्रद्धालुओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में पर्यटक भी आते हैं और धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुमय करते हैं।
चारधाम यात्रा के दौरान खाद्य सुरक्षा, स्वच्छता और जनस्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा एक वृहद ईट राईट सम्मलेन का आयोजन हरिद्वार होटल एसोसिएशन एवं टेट्रापैक प्रा०लि० के सहयोग से आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में होटल व्यवसायी, खाद्य कारोबारी, व्यापार मण्डल के सदस्य, फूड हैन्डलर्स तथा खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के राज्य एवं जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित हुए। चारधाम यात्रा मार्ग के होटल/मोटल, रेस्टोरेन्ट, ढाबों एवं अन्य खान-पान सेवाओं के माध्यम से यात्रियों को स्वच्छ एवं सुरक्षित भोजन की उपलब्धता मानक अनुसार सुनिश्चित कराये जाने के उद्देश्य से यह सम्मेलन किया जा रहा है।
सम्मेलन में उपस्थित प्रतिभागियों को विशेषज्ञों द्वारा सुरक्षित एवं स्वच्छ भोजन के महत्व को स्पष्ट किया गया तथा इस हेतु भारत सरकार द्वारा संचालित ईट राईट इण्डिया अभियान एवं ईंट राईट कैम्पस पहल के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। प्रतिभागियों से अपील की गयी कि खाद्य सुरक्षा हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है और इसके प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को एक सर्देशवाहक की भूमिका निभानी होगी ताकि उत्तराखण्ड की विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं तथा तीर्थ यात्रियों को स्वस्थ्य, स्वच्छ एवं सुरक्षित भोजन प्राप्त हो सके।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बार सभी विभागों को हरित चारधाम यात्रा की थीम अनुसार यात्रा संचालित करने के निर्देश दिये गये हैं जिसके क्रम में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, यात्रा मार्ग के प्रमुख शहरों में होटल एवं खाद्य कारोबारियों के साथ खाद्य सुरक्षा मानकों को लेकर संवाद एवं प्रशिक्षण कार्यशालायें आयोजित कर रहा है। इस अवसर पर उपस्थित एफ.डी.ए के अपर आयुक्त ताजबर सिंह ने बताया कि उनके विभाग द्वारा अभी तक चार धाम यात्रा मार्गों पर 9 महत्वपूर्ण स्थानों पर ईट राईट संवेदीकरण कार्यशालायें सफलतापूर्वक की जा चुकी है, जिसके माध्यम से उन स्थानों के होटल-मोटल व्यवसाईयों, व्यापार मण्डल सदस्यों, पुलिस-प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के अधिकारी एवं स्थानीय जन-प्रतिनिधियों के साथ संवाद स्थापित किया गया।
अपर आयुक्त ताजबर सिंह ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों के अनुसार एफ.डी.ए पूर्ण तत्परता के साथ हरित चारधाम यात्रा के सफल संचालन हेतु कार्य कर रहा है तथा यात्रा में आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के माध्यम से सुरक्षित खान-पान की आदतों के बारे में एक स्वच्छ वातावरण सृजित करने के प्रति जागरूकता के प्रयास किये जा रहे है। अपर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि हरित चारधाम यात्रा के दौरान यूज्ड कुकिंग ऑयल का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित करने के लिए व्यापारियों के साथ निस्तर संवाद हो रहा है तथा फूड वेस्टेज को कम करने एवं सिंगल यूज्ड प्लास्टिक से उत्पन्न हो रहे कचरे के बारे में विभिन्न संगठनों, स्वैच्छिक संस्थाओं, पर्यटन विभाग, पुलिस प्रशासन एवं अन्य सहयोगियों के साथ प्रशिक्षण कार्यशालायें आयोजित की जा रही है।
सम्मेलन के दौरान भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा संचालित इंट राईट इंडिया अभियान के बारे में जानकारी देते हुए एफ.डी.ए के उपायुक्त गणेश कण्डवाल ने बताया कि सम्पूर्ण देश में सुरक्षित, स्वच्छ एवं टिकाऊ भोजन की उपलब्धता एवं सही खान-पान (इंट राईट) का वातावरण सृजित किये जाने के उद्देश्य से ईट राईट इंडिया अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के माध्यम से समस्त खाद्य कारोबारियों एवं फूड हैन्डलर्स को खाद्य सुरक्षा मानकों के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किये जा रहे है तथा भोजनालय, रेस्टोरेन्ट, कैफेटेरिया एवं अन्य खाद्य इकाईयों में काम करने वाले फूड हैण्डलर्स का प्रमाणीकरण भी किया जा रहा है।
उपायुक्त गणेश कण्डवाल ने बताया कि सभी महत्वपूर्ण कार्य स्थलों पर सुरक्षित, स्वच्छ एवं टिकाऊ भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए ईट राईट कैम्पस पहल को व्यापक स्तर पर अपनाये जाने की आवश्यकता है। यह पहल प्राथमिकता के आधार पर समस्त विश्वविद्यालय, अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, जेल परिसर, रेलवे स्टेशन, एम्स तथा अन्य प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों में संचालित हो रही है जिसके द्वारा वहां पर कार्य करने वाले फूड हैन्डलर्स को प्रशिक्षण तथा उपलब्ध खान-पान सुविधाओं का थर्ड पार्टी ऑडिट किया जा रहा है। मानक अनुसार मूल्यांकन करते हुए उन्हें ईट राईट कैम्पस के रूप में प्रमाणित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफ.बी.ए उत्तराखण्ड द्वारा राज्य के जेल परिसर तथा रेलवे स्टेशनों को ईट राईट कैम्पस घोषित किया जा चुका है।
इस अवसर पर उपायुक्त एवं राज्य नोडल अधिकारी गणेश कण्डवाल ने बताया कि हरिद्वार में आयोजित ईट राईट सम्मलेन राज्य का प्रथम सम्मेलन है जिसमें विशेषतः 03 प्रमुख बिन्दुओं पर प्रतिभागियों का संवेदीकरण किया जा रहा है। श्री कण्डवाल के अनुसार आमजन की स्वास्थ सुरक्षा के लिए ‘आज से तेल-चीनी नमक कम’ का संदेश अत्यधिक प्रासंगिक हो गया है जिसे दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार एवं राज्य सरकारों की ओर से इस संदेश की जागरूकता को लेकर व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा दो से अधिक बार उपयोग किये गये खाद्य तेल को पुनः इस्तेमाल करना अत्यन्त हानिकारक है जिसके बारे में भी समस्त खाद्य कारोबारियों को प्रशिक्षित एवं जागरूक किया जा रहा है।
इस अवसर पर हरिद्वार में विभिन्न खाद्य संस्थानों से 800 लीटर यूज्ड कुकिंग आयल को इस कार्य हेतु नियुक्त एग्रीगेटर के माध्यम से एकत्रित कर आई.आई.पी देहरादून को उपलब्ध कराया गया। विदित है कि उत्तराखण्ड में यूज्ड कुकिंग आयल को सरकार के निर्देशों अनुसार एकत्रित एवं खरीदकर आई.आई.पी देहरादून को दिया जा रहा है जहां पर इसका उपयोग बायो-डिजल बनाने के लिये हो रहा है। उन्होने जानकारी दी कि हमें अपने खान-पान में कम से कम 10% तेल एवं वसा की मात्रा को कम करने की आवश्यकता है और यह तभी सम्भव होगा जब आमजन इसे व्यवहार में ला पायेगा क्योंकि यह मोटापा, हृदय रोग एवं अन्य बीमारियों के लिए हानिकारक है
श्री कण्डवाल के अनुसार फूड वेस्टेज अर्थात खाने की बर्बादी, हमारे देश-समाज की एक अलोकप्रिय एवं अवांछनीय आदत्त है जिसे रोकने की आवश्यकता है विशेषकर चारधाम यात्रा के दौरान विभिन्न राज्यों से आने वाले तीर्थ यात्रियों द्वारा खाने की बर्बादी का अप्रिय नजारा प्रायः देखने को मिलता है जिसे पूर्णतः रोकना होगा।
उपायुक्त श्री कण्डवाल के अनुसार इंट राईट सम्मेलन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य लोगो को प्लास्टिक के प्रयोग को प्रतिबंधित करने के बारे में संदेश देना भी है क्योंकि चारधाम यात्रा के दौरान लाखों यात्री उत्तराखण्ड आते है और बदले में यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर उनके द्वारा उपयोग में लिया गया प्लास्टिक व कचरा रह जाता है जो राज्य की नैसर्गिक सुन्दरता तथा आमजन के स्वास्थ्य को गम्भीर रूप से प्रभावित करता है।
ईट राइट सम्मेलन में जेल अधीक्षक हरिद्वार मनोज आर्य, कु. विनीता वर्मा, डी.ओ उत्तराखण्ड रीजन, सिमरजीत कौर, मा० न्यायधीश विधिक सेवा प्राधिकरण, हरिद्वार, डा. आर. के सिंह, संयुक्त आयुक्त एफ.डी.ए, उत्तराखण्ड, एफ.सी.ए. हरिद्वार के अभिहीत अधिकारी महिमानन्द जोशी, उत्तर रेलवे के अभिहीत अधिकारी, आदेश कुमार, वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी योगेन्द्र पाण्डे, खादय सुरक्षा अधिकारी, दिलीप जैन, रेलवे स्टेशन हरिद्वार, रुड़की एवं ऋषिकेश के खाद्य सुरक्षा निरीक्षक, डा. संतोष, एशोसिएट प्रोफेसर विकेश, एम्स, अनूप नौटियाल, समाजसेवी, अमित पंजावानी, अध्यक्ष होटल एशोसिएशन, FSSAI अधिकृत ट्रेनिंग पार्टनर, ऑडिट पार्टनर एवं अन्य प्रतिनिधि उपस्थित हुए।