UPI से पेमेंट लेने वालों को जीएसटी विभाग के नोटिस, छोटे व्यापारियों में मचा हड़कंप




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न्यूज 127.
देशभर में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के बीच अब UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) से पेमेंट स्वीकार करने वाले व्यापारियों को जीएसटी विभाग की ओर से नोटिस भेजे जाने की खबरें सामने आ रही हैं। छोटे दुकानदारों, फ्रीलांसरों, सेवा प्रदाताओं और होम-बेस्ड कारोबारियों में इसे लेकर चिंता बढ़ गई है। नोटिस में उनसे व्यापारिक लेन-देन का विवरण, सालाना टर्नओवर और जीएसटी पंजीकरण की जानकारी मांगी गई है।
क्या है मामला ?
कुछ व्यापारियों ने बताया कि उन्होंने केवल Google Pay, PhonePe, Paytm आदि UPI प्लेटफॉर्म के माध्यम से ग्राहकों से भुगतान लिया था, लेकिन अब उन्हें जीएसटी विभाग से नोटिस मिला है, जिसमें पिछले साल के डिजिटल लेन-देन का ब्यौरा मांगा गया है। विभाग इन UPI लेनदेन को व्यापारिक आय मानकर टैक्स देनदारी की जांच कर रहा है।
कानून क्या कहता है?
जीएसटी कानून (CGST Act, 2017) के तहत:
पंजीकरण सीमा:
सामान्य राज्यों में किसी भी व्यक्ति या व्यवसाय को 20 लाख (उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्यों में 10 लाख) वार्षिक टर्नओवर से अधिक होने पर जीएसटी पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
सेवा प्रदाताओं के लिए यह सीमा 20 लाख है, जबकि वस्तु विक्रेताओं के लिए कुछ राज्यों में यह सीमा 40 लाख तक है।
व्यापारिक और व्यक्तिगत लेनदेन का अंतर:

केवल व्यापारिक उद्देश्यों से किए गए UPI लेनदेन ही जीएसटी के दायरे में आते हैं।
यदि कोई व्यक्ति व्यक्तिगत UPI लेनदेन करता है (जैसे दोस्तों या रिश्तेदारों से पैसे लेना-देना), तो वह जीएसटी के अंतर्गत नहीं आता।
विभाग केवल उन्हीं मामलों में कार्रवाई करता है, जहाँ यह संदेह हो कि UPI के माध्यम से व्यवसायिक गतिविधियाँ छुपाई जा रही हैं।
धारा 61 के तहत नोटिस:
विभाग यदि पाता है कि किसी का लेनदेन संदिग्ध है या पंजीकरण होते हुए भी रिटर्न नहीं भरा गया है, तो GST Act की धारा 61 के तहत नोटिस भेज सकता है।
नोटिस का उद्देश्य कर चोरी की जांच है, न कि डिजिटल भुगतान को हतोत्साहित करना।
विशेषज्ञों की राय
टैक्स सलाहकारों का कहना है कि विभाग को लेनदेन की प्रकृति (Business या Personal) को स्पष्ट करने के बाद ही कार्रवाई करनी चाहिए। सिर्फ UPI से पेमेंट लेने को जीएसटी देनदारी से जोड़ना तर्कसंगत नहीं है जब तक कि वह व्यवसायिक उद्देश्य से सिद्ध न हो।
व्यापारियों की मांग
व्यापार संघों ने सरकार से मांग की है कि:
डिजिटल पेमेंट को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं
नोटिस भेजने से पहले प्रारंभिक जांच हो
छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप को अनावश्यक डराने से बचा जाए
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने की नीति और कर अनुपालन के नियमों में संतुलन बेहद जरूरी है। सरकार को चाहिए कि छोटे कारोबारियों को स्पष्ट मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करे, ताकि वे बिना डर के डिजिटल माध्यम से कारोबार कर सकें।