महाराज की दीवार पर टिका है मेयर का टिकट, जानिए पूरी खबर




Listen to this article

नवीन चौहान, हरिद्वार। हरिद्वार में होने वाले नगर निगम चुनावों में अब कम ही समय बचा है। राजनैतिक दल चुनावों की तैयारियों में जुट गए हैं। हर कोई दल चुनाव जीतने के लिए सशक्त उम्मीद्वार की तलाश में जुटा है। कांग्रेस जहां अभी भी ऊहापोह की स्थिति में है वहीं भाजपा के वर्तमान मेयर मनोज गर्ग अपनी ताल ठोके हुए हैं। यही कारण है कि अब वह सड़कों और वार्डों में दिखाई देने लगे हैं। उधर भाजपा के ही ओमप्रकाश जमदिग्न ने भी मेयर के टिकट के लिए ताल ठोक दी है। भाजपा ओमप्रकाश और मनोज गर्ग में से किसे टिकट देती है यह तो वक्त ही बताएगा। या फिर इन दोनों को छोड़कर भाजपा किसी नए चेहरे पर दांव लगायेगी। 02
बता दें कि विगत निकाय चुनाव में भाजपा की ओर से मेयर पद के कई दावेदार थे। किन्तु मेयर मनोज गर्ग के राजनैतिक गुरु कहे जाने वाले मदन कौशिक के सियासी रणकौशल के चलते टिकट वितरण में उन्होंने निशंक खेमे का परास्त कर मनोज गर्ग के लिये टिकट हासिल कर लिया। मदन कौशिक के चुनावी प्रबंधन की बदौलत मेयर मनोज गर्ग मेयर का चुनाव जीतने में कामयाब रहे। लेकिन उनका कार्यकाल औसत ही रहा है। मेयर मनोज गर्ग के कार्यकाल में कोई खास उपलब्धियां नहीं रही जिसे शहर की जनता याद रख सके। इस बीच इतना जरूर हुआ कि मेयर व उनके राजनैतिक गुरु कहे जाने वाले मदन कौशिक के साथ संबंधों में कुछ तल्खियों की खबर आई। वहीं पूरे कार्यकाल के दौरान मेयर विपक्षियों के निशाने पर रहे। अब जबकि निगम चुनावों में थोड़ा ही समय शेष रह गया है तो मेयर भी सक्रिय हो गए हैं। उधर पूर्व में विधायक के टिकट के लिए दावेदारी ठोक चुके भाजपा के ओमप्रकाश जमदिग्न भी मेयर पद का चुनाव लड़ने के लिए तैयारी में जुट गए हैं। मेयर के कार्यकाल को देखते हुए इस बार उनको टिकट मिलना टेढ़ी खीर दिखाई दे रहा है। इसके कई कारण हैं। विगत बरसात के समय में रानीपुर मोड़ पर जल भराव के समय केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के आश्रम की दीवार तोड़ने व आश्रम के लोगों के साथ मेयर समर्थकों द्वारा मारपीट करने का मामला सरकार में काफी समय तक छाया रहा। महाराज की नाराजगी के कारण प्रदेश भाजपा हाईकमान को मामले की जांच के लिए एक जांच कमेटी का गठन करना पड़ा। वहीं सतपाल महाराज के समर्थन में हरिद्वार जनपद के कई भाजपा विधायक खड़े दिखाई दिए। जबकि मेयर के राजनैतिक गुरु मदन कौशिक ने इस मामले को निपटाने का भरसक प्रयास किया, किन्तु महाराज नहीं माने। अब सतपाल महाराज केबिनेट मंत्री होने के साथ हरिद्वार जनपद के प्रभारी भी हैं। ऐसे में वह नहीं चाहेंगे कि मेयर मनोज गर्ग को एक बार फिर से टिकट मिल जाए। सतपाल महाराज की जहां प्रदेश सरकार में अच्छी पकड़ है वहीं केन्द्रीय नेतृत्व में भी महाराज का खासा दबदबा है।IMG-20180103-WA0307

उधर ओमप्रकाश जमदिग्न हरिद्वार सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक के करीबी हैं। निशंक और मदन गुट में शुरू से ही 36 का आंकड़ा जगजाहिर रहा है। लोकसभा चुनावों में भी यह साफ दिखाई दिया। इस कारण जहां सतपाल महाराज ओप्रकाश जमदग्नि के लिए सिफारिश कर सकते हैं वहीं हरिद्वार सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक भी जमदग्नि को टिकट के लिए पूरा जोर लगाएंगे। इस बार मदन कौशिक भी उस प्रकार से मेयर की पैरवी नहीं करेंगे जिस प्रकार से उन्होंने पूर्व में की थी। यदि मदन कौशिक पैरवी करते भी हैं तो वह महाराज और निशंक के बीच अकेले पड़ जाएंगे। साथ ही दोनों की भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व में खासी पकड़ होने के कारण ओमप्रकाश जमदग्नि टिकट में बाजी मार सकते हैं। कुल मिलाकर इस बार मेयर मनोज गर्ग को टिकट कटना लगभग तय माना जा रहा है। यदि ओमप्रकाश जमदग्नि को भाजपा टिकट देती है तो उनका जीतना लगभग तय है। कारण की हरिद्वार में पंजाबी समाज का वोट बड़ी मात्रा में है, जो भाजपा के साथ है। साथ मूल रूप से हरियाण के रहने वाले जमदग्नि की यहां की हरियाणा लॉबी, व्यापार मण्डल, होटल एसोसिएशन, शिक्षा जगत में भी खासी पकड़ है। हरियाण लॉबी में अधिकांश ऐसे लोग है। जो कांग्रेस समर्थित रहे हैं, किन्तु यदि जमदग्नि को टिकट मिलता है तो कांग्रेस का यह खेमा भी जमदग्नि के साथ मजबूती के साथ खड़ा होगा।