नवीन चौहान, हरिद्वार।
पुलिसकर्मी के एक युवक को बेरहमी से मारपीट करने के प्रकरण में कई बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। कांस्टेबल की पत्नी को युवक काफी दिनों से मानसिक रूप से परेशान कर उसका उत्पीड़न कर रहा था। जब कांस्टेबल ने किशोर को समझाने का प्रयास किया तो करीब दो दर्जन लोगों ने कांस्टेबल को घेरकर मारपीट की गई। कांस्टेबल की पत्नी ने जब आरोपियों के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज करा दिया तो कांस्टेबल को फंसाने के लिये दो लोगों ने साजिशन एक वीडियो वायरल किया था। वायरल वीडियो में पुलिस की छवि को खराब बताने का प्रयास किया गया। इस प्रकरण में जब सीओ लक्सर रचिता जुयाल की जांच रिपोर्ट सामने आई तो साजिशकर्ता के खेल से परदा उठ गया। पुलिस अब वीडियो वायरल करने वाले आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है। पूरा प्रकरण लक्सर कोतवाली का है।
लक्सर कोतवाली में तैनात कांस्टेबल पर एक किशोर ने मारपीट करने का संगीन आरोप लगा था। आरोप था कि कांस्टेबल ने किशोर को बुरी तरह से पीटा गया, जिसके बाद से उसकी हालत गंभीर है और वह अस्पताल में भर्ती है। अस्पताल में भर्ती किशोर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। जिसमें पुलिसकर्मी की संवेदनहीनता को दिखाया गया। इस वीडियो का एसएसपी रिधिम अग्रवाल ने तत्काल संज्ञान लिया और सीओ लक्सर रचिता जुयाल को सच्चाई का पता लगाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। सीओ लक्सर रचिता जुयाल ने जब मामले की जांच की तो आरोपियों के षडयंत्र की परते खुलनी शुरू हो गई। उक्त किशोर पुलिसकर्मी की पत्नी को काफी दिनों से तंग कर रहा था तथा अश्लील फब्तियां कस रहा था। पत्नी ने जब ये बात अपने कांस्टेबल पति को बताई तो वह किशोर को समझाने के लिये गया था। इसी दौरान करीब 20 लोगों ने मिलकर कांस्टेबल की पिटाई कर दी। जिसके संबंध में कांस्टेबल की पत्नी की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया है। वही जब वायरल वीडियो के संबंध में सीओ लक्सर रचिता जुयाल ने जांच की तो पता चला कि किशोर को कोई चोट नहीं है। किशोर का उपचार कर रहे चिकित्सक ने सीओ को बताया कि वह एनएक्साईटी बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती है। मेडिकल रिपोर्ट में किशोर के शरीर पर कोई आंतरिक और बाहरी चोट का निशान नहीं होने की पुष्टि हो गई। सीओ रचिता जुयाल ने बताया कि आरोपी संदीप और उस्मान ग्रामीणों को भड़का रहे है। इन दोनों ने ही वीडियो बनाकर वायरल किया। जबकि किशोर ने किसी भी प्रकार की मारपीट होने से इंकार किया है और अपनी गलती भी स्वीकार की है। पुलिस दोनों आरोपियों पर आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने जा रही है।
आरोपी संदीप और उस्मान मास्टर माइंड
आरोपी संदीप चौधरी और उस्मान नाम के दो व्यक्तियों ने पुलिस की छवि को बदनाम करने के लिये वीडियो वायरल किया था। ये दोनों लोग ही किशोर के परिजनों और ग्रामीणों को भड़काने का कार्य कर रहे थे। उस्मान ने ही किशोर की माता को भड़काकर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां वीडियो बनाकर वायरल की गई।
संदीप और उस्मान पर दर्ज है मुकदमे
पुलिस कांस्टेबल की छवि को खराब करके ग्रामीणों को भड़काने के मास्टर माइंड संदीप और उस्मान पर पूर्व में मुकदमे दर्ज है। उस्मान पर धोखाधड़ी की संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज है। जबकि संदीप भी एक मुकदमे में आरोपी है। इन मुकदमों की जांच को प्रभावित करने और पुलिस पर दबाव बनाने के लिये ही संदीप और उस्मान ने किशोर को अपना मोहरा बनाया। हालांकि किशोर अपनी गलती पुलिस के समक्ष मान चुका है। लेकिन फिर भी दोनों आरोपी इस मामले को बेवजह तूल देने में लगे है।
कांस्टेबल को फंसाने वाले दोनों आरोपियों का पर्दाफाश, जानिए पूरी खबर



