नवीन चौहान
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जीरो टाॅलरेंस की मुहिम को जिलाधिकारी सी रविशंकर ने हरिद्वार जनपद में धरातल पर चरितार्थ कर दिखाया है। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने भ्रष्टाचार संबंधी सभी शिकायतों पर तत्काल एक्शन लेकर कार्रवाई की संस्तुति की। इसके अलावा तमाम भ्रष्ट आचरण वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगाम लगाकर रखी। गरीब पीड़ित जनता की समस्याओं का प्राथमिकता से निस्तारण किया और न्याय दिलाने में महती भूमिका अदा की। इसी के साथ जिलाधिकारी सी रविशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ जनता तक पहुंचाने में पूरी ताकत झोंक दी। जनपद का सर्वागीण विकास करने के लिए विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों के पेंच कसे। अधिकारियों में जोश भरते हुए लक्ष्य निर्धारित किया और काम का रिजल्ट अपने अनुरूप लिया। जिलाधिकारी के त्वरित निर्णय लेने की क्षमता का फायदा हरिद्वार की जनता को मिला और डीएम की कर्तव्यनिष्ठा से जनता का विश्वास त्रिवेंद्र सरकार में कायम रहा।
कोरोना संक्रमण काल की विपरीत परिस्थितियों में जिलाधिकारी सी रविशंकर ने अपने अभी तक के कार्यकाल में पारदर्शिता से कार्य करने की मिशाल कायम की है। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने हरिद्वार की जनता की सेवा, सुरक्षा और व्यवस्था में अपनी प्रशासनिक कौशल का परिचय दिया। कोरोना संक्रमण काल में जनता को सुरक्षित बचाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करते हुए सीधा लाभ जनता तक पहुंवाया। राशन वितरण से लेकर आपदा में फंसे लोगों को घर भेजने की व्यवस्था तक सभी कार्य पूरी योजना से किए गए। हरिद्वार में कोविड केयर सेंटर की स्थापना की गई और इस विषम परिस्थिति में दिन रात जनता के बीच में रहकर उनके लिए कार्य किया। जिसका नतीजा यह रहा कि कोरोना काल मे हरिद्वार की जनता संक्रमण से सुरक्षित रही। लेकिन दूसरी सबसे बड़ी चुनौती जिलाधिकारी को हरिद्वार के विकास कार्यो को लेकर थी। करीब आठ माह तक विकास के थमे हुए पहिए को गति प्रदान करनी थी। लेकिन जिलाधिकारी सी रविशंकर ने इस कार्य को भी पूरी निष्टा से निभाया।
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बेहद ही धैर्य से प्रशासनिक कौशल का परिचय दिया और तमाम विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठकों में लक्ष्य निर्धारित किया। अधिकारियों को लापरवाही के लिए फटकार लगाई और कार्यो को पूर्ण करने की चेतावनी दी। डीएम ने कार्यो को संपन्न कराने के दौरान पारदर्शिता और शुचिता के मानकों को पूरा किया। जिस किसी अधिकारी की शिकायत मिली तो जांच कराने में देरी नही की। आरोपों की पुष्टि हुई तो जिलाधिकारी ने तत्काल विभागीय कार्रवाई की संस्तुति भी की। यही कारण रहा कि एक साल में सर्वाधिक भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की गई। डीएम की जांच में पीसीएस स्तर के अधिकारी भी फंसे और विभागीय कार्रवाई का सामना कर रहे है।
लेकिन जिलाधिकारी सी रविशंकर का मुख्य उददेश्य हरिद्वार की जनता को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने का है। इसके अलावा कुंभ पर्व के आयोजन को सफल बनाना है। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने एक साल के भीतर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करते हुए जनता का विश्वास जीतने में भी सफलता पाई है।
कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं होता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो। ये शब्द किसी ने यूं ही नहीं कहे। कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो राहें खुद ब खुद आसान हो जाती हैं। जी-हां कुछ ऐसा ही कमाल हरिद्वार जिले के कलेक्टर सी रविशंकर करके दिखाया है। हरिद्वार जनपद के सर्वागीण विकास करने के लिए अपनी जिंदगी के अमूल्य क्षणों को 24 घंटे जनता के लिए समर्पित करने की डीएम सी रविशंकर की लगन उनको एक कुशल प्रशासनिक अफसर की पहचान दिलायेगी। हरिद्वार की जनता शायद ही उनके योगदान को कभी भूल पायेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की जीरो टाॅलरेंस की मुहिम को डीएम सी रविशंकर ने बनाया सफल



