यूपी के जमाने के दरोगा 30 जून को रिटायर्ड, जानिए पूरी खबर




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नवीन चौहान,   

हरिद्वार। यूपी के जमाने में पुलिस महकमे का हिस्सा बनने वाले पुलिसकर्मी अब दरोगा के पद से रिटायर्ड होने लगे हैं। पुलिस में रहने के दौरान कई शातिर बदमाशों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा था। वही अपने व्यवहार से कई कठिन मामलों को सामान्य बातचीत से सुलझा दिया था। जी हां हम बात कर रहे हरिद्वार निवासी दरोगा गजेंद्र यादव की। इनको हरिद्वार के लोग प्यार से चाचा कहकर बुलाते है।
दरोगा गजेंद्र यादव 1 अक्टूबर 1979 को पुलिस महकमे में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुये। इस समय उत्तराखंड यूपी का ही अंग हुआ करता था। गजेंद्र यादव की पहली पोस्टिंग सहारनपुर में हुई। उस समय बदमाशों का दौर हुआ करता था। यूपी पुलिस की तूती बोलती थी। यूपी पुलिस का असर गजेंद्र यादव की कार्यशैली पर भी रहा। बदमाशों की रैकी करना और उनको पकड़ना कठिन कार्य था। पुलिस को मैनुअल कार्य करना होता था। मुखबिरों की मदद ली जाती थी। गजेंद्र यादव बदमाशों को दबोचने में माहिर थे। गजेंद्र यादव को पुलिस महकमे में सम्मान मिला। वह पदोन्नति पाकर दरोगा बने। उप निरीक्षक गजेंद्र यादव ने हरिद्वार, देहरादून, चमोली जनपदों में बेहतर कार्य किया। 30 जून 2018 को गजेंद्र यादव की पुलिस महकमे से विदाई हो रही है। लेकिन हरिद्वार की जनता दरोगा गजेंद्र यादव के प्यार को शायद ही भूल पाये।