न्यूज 127. हरिद्वार।
हरिद्वार के अधिवक्ता कमल भदौरिया ने उर्मिला सनावर को कानूनी नोटिस जारी किया है। नोटिस में स्पष्ट रूप से सवाल उठाया गया है कि यदि यह ऑडियो एक माह पूर्व की बताई जा रही है, तो उस समय इसे संबंधित अधिकारियों को क्यों नहीं सौंपा गया और जानबूझकर सूचना देने में देरी क्यों की गई।
एक्टर उर्मिला सनावर द्वारा फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार वीडियो जारी कर उन्हें वायरल किए जाने से उत्तराखंड की राजनीति में हलचल मच गई है। हाल ही में उर्मिला सनावर द्वारा एक वीडियो वायरल किया गया, जिसमें एक कथित ऑडियो का उल्लेख करते हुए ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक सुरेश राठौर, वंतरा रिसॉर्ट चिल्ला में वीआईपी से जुड़े विषय तथा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम एवं भाजपा संगठन मंत्री अजय कुमार के संबंध में जानकारी सार्वजनिक करने का दावा किया गया।
वायरल ऑडियो में आपसी बातचीत के दौरान एक-दूसरे को सुनी-सुनाई एवं कथित जानकारियां साझा किए जाने का चित्रण किया गया है। इसी को आधार बनाकर हरिद्वार के अधिवक्ता कमल भदौरिया ने उर्मिला सनावर को कानूनी नोटिस जारी किया है। नोटिस में स्पष्ट रूप से सवाल उठाया गया है कि यदि यह ऑडियो एक माह पूर्व की बताई जा रही है, तो उस समय इसे संबंधित अधिकारियों को क्यों नहीं सौंपा गया और जानबूझकर सूचना देने में देरी क्यों की गई।
कानूनी नोटिस में यह भी उल्लेख किया गया है कि बहुचर्चित अंकित भंडारी प्रकरण में न तो उर्मिला सनावर और न ही पूर्व विधायक सुरेश राठौर अभियुक्त हैं, न ही गवाह। इसके अतिरिक्त, उर्मिला द्वारा विवेचक के समक्ष उपस्थित होकर किसी भी प्रकार की जानकारी या साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए गए, जिन्हें केस डायरी में दर्ज किया गया हो। नोटिस में यह भी कहा गया है कि अब तक उर्मिला द्वारा कोई ऐसा ठोस तथ्य या बयान सार्वजनिक नहीं किया गया है, जो कानूनी रूप से प्रमाणित हो। अधिवक्ता कमल भदौरिया ने नोटिस में यह कानूनी दृष्टिकोण भी रखा है कि यह पूरा मामला उर्मिला सनावर और पूर्व विधायक सुरेश राठौर की आपसी बातचीत एवं व्यक्तिगत रंजिश का प्रतीत होता है, जिसमें भाजपा को बदनाम करने के उद्देश्य से जानबूझकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं—दुष्यंत गौतम और अजय कुमार—का नाम जोड़ा गया है।
नोटिस में दुष्यंत गौतम और अजय कुमार के सामाजिक व राजनीतिक योगदान का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि कोरोना काल में दोनों नेताओं ने पीड़ित मरीजों की यथासंभव मदद की, गरीब कन्याओं के विवाह कराए, जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा दिलाने में सहयोग किया और न्याय से वंचित लोगों को न्याय दिलाने के लिए निरंतर प्रयास किए। दुष्यंत गौतम राज्यसभा सांसद रह चुके हैं और लंबे समय से भाजपा संगठन में विभिन्न महत्वपूर्ण दायित्व निभाते आए हैं, वहीं अजय कुमार ने भाजपा संगठन मंत्री के रूप में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ मंडल सहित अनेक क्षेत्रों में संगठनात्मक मजबूती के लिए कार्य किया है।
अधिवक्ता ने नोटिस में यह भी कहा है कि उर्मिला सनावर द्वारा वायरल किया गया वीडियो न केवल अपमानजनक है, बल्कि इन नेताओं की छवि धूमिल करने वाला भी है, जिससे उनके सहित उत्तराखंडवासियों की भावनाएं आहत हुई हैं। इसके साथ ही यह गंभीर आरोप भी लगाया गया है कि वायरल वीडियो के बाद दुष्यंत गौतम और अजय कुमार को उत्तराखंड क्रांति दल एवं कांग्रेस से जुड़े कुछ लोगों द्वारा मारपीट और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। हाल ही में उनकी गाड़ी रोककर अनर्थ करने का प्रयास किए जाने की घटना का भी उल्लेख नोटिस में किया गया है, जिसे वायरल वीडियो का प्रत्यक्ष परिणाम बताया गया है।
कानूनी नोटिस में उर्मिला सनावर से तीन दिन के भीतर जवाब देने, समस्त आपत्तिजनक वीडियो को फेसबुक, इंस्टाग्राम एवं अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने तथा इसकी सूचना कार्यालय में प्रस्तुत करने की मांग की गई है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि नोटिस का पालन नहीं किया गया, तो मानसिक आघात और सामाजिक छवि को क्षति पहुंचाने के आरोप में सक्षम न्यायालय में आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इस पूरे घटनाक्रम के बाद राजनीतिक और कानूनी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं, वहीं सोशल मीडिया के दुरुपयोग और तथ्यों की पुष्टि के बिना सार्वजनिक मंचों पर आरोप लगाने के मुद्दे पर एक नई बहस भी छिड़ गई है।



