नवीन चौहान
हरिद्वार के ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ जिलाधिकारी सी रविशंकर की अदालत में न्याय होगा। साधन सहकारी समिति के सूरजभान के शराब पार्टी की जांच की आंच साजिशकर्ता तक पहुंचने की संभावना बढ़ गई। शराब पार्टी की जांच की आंच में साजिशकर्ता भी झुलसेंगे।
जी हां सलेमपुर साधन सहकारी समिति के प्रबंध निर्देशक सूरजभान को जबरन शराब पिलाने का ताना बाना समिति में ही कार्यरत एक सहकर्मी ने बुना था। इस षडयंत्र को पूरा करने में साधन सहकारी समिति के कुछ लोगों ने सहयोग किया। ताकि उसकी फोटो खींचकर उसे बदनाम किया जा सके और जिलाधिकारी की विभागीय जांच में फंसाया जा सके। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यह थी कि सूरजभान ने अपने ही एक सहकर्मी के कुछ लोगों के कृषि ऋण को मंजूरी देने में असमर्थता जता दी थी। सहकर्मी ने सूरजभान के खिलाफ साजिश रच दी। साजिशकर्ता के मंसूबे योजना के मुताबिक पूरे भी हो गए। लेकिन हरिद्वार के कर्तव्यनिष्ठ जिलाधिकारी सी रविशंकर ने इस प्रकरण में गहनता से जांच कराई। सूरजभान का मेडिकल कराने वाली प्रशासनिक टीम ने पूछताछ करने के बाद पूरी सच्चाई जानी। जिसके बाद इस प्रकरण में जांच बैठा दी गई। हरिद्वार का यह प्रकरण सरकारी विभाग में कार्यरत सभी लोगों के लिए एक सबक भी है।
हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर कर्तव्यनिष्ठ और न्याय प्रिय है। वह अपने कर्तव्य के प्रति पूरी ईमानदारी बरतते है। भ्रष्टाचार और अनियमिताओं के प्रकरण में सख्त निर्णय लेते है। जनहित के कार्यो को प्राथमिकता देते है और निर्बल और असहाय लोगों के प्रति संवेदनाएं रखते है। उनकी न्यायप्रियता का एक उदाहरण साधन सहकारी समिति के शराब प्रकरण से जुड़ा है।
बीते दिनों साधन सहकारी समिति के प्रबंध निदेशक सूरजभान की एक फोटो समिति के एक कक्ष में शराब पीने की सामने आई। जिसके बाद जिलाधिकारी सी रविशंकर ने इस प्रकरण को गंभीरता से लिया और एसडीएम गोपाल सिंह चौहान को आरोपी का मेडिकल कराने को निर्देशित किया। एसडीएम गोपाल सिंह चौहान ने नायाब तहसीलदार ललित मोहन पोखरियाल के नेतृत्व में एक टीम गठित की और सूरजभान को मेडिकल के लिए अस्पताल ले गए। जब टीम ने सूरजभान को अपने कब्जे में लिया वह कृषि ऋण मेले के आयोजन की तैयारियों में कर्मचारियों की मीटिंग ले रहे थे। प्रशासनिक अधिकारियों की टीम को देखकर सूरजभान घबरा गया और कुछ भी सच बोलने का साहस नही जुटा पाया। टीम ने मेडिकल करा दिया। चिकित्सीय परीक्षण कराने के दौरान जांच टीम को पता चला कि सूरजभान का 22 साल के जवान बेटे की हार्ट अटैक से मुत्यु हुई है। जिसके चलते वह मानसिक तनाव के दौर से गुजर रहा है। लेकिन सूरजभान की समझ में नहीं आया कि उसको पहले शराब पीने का आफर दिया और फोटो वायरल करने के पीछे का मकसद क्या था।
ऐसे हुआ शिकार
न्यूज127 की टीम लगातार सूरजभान के शराब प्रकरण के पीछे फोटो वायरल करने के मकसद को जानने में जुटी थी। फोटो में वहां शराब के गिलास तो और भी थे लेकिन नाम अकेले सूरजभान का ही सामने आया। आखिरकार फोटो खींचने वाले ने पूरी चालाकी दिखाई और योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया।
सूरजभान से बात की गई तो पता चला कि उसके ही एक सहयोगी ने जन्मदिन पार्टी की बात कहकर एक पैग लगाने का आफर दिया। मित्र ने जिदद की तो वह इंकार भी ना कर सका। सूरजभान इस बात से पूरी तरह बेखबर था कि कोई उसका शिकार कर रहा है। हुआ भी कुछ ऐसा ही। सूरजभान ने शराब पी और साजिशकर्ता ने फोटो खींचकर तत्काल मीडिया को भेज दी। ताकि वक्त रहते मेडिकल भी हो जाए। साजिशकर्ता चूंकि समिति का ही कर्मचारी है तो वह यह अच्छी तरह से जानता है कि जिलाधिकारी बेहद ईमानदार है और वह सूरजभान के इस अपराध के लिए कड़ी सजा देंगे। लेकिन जिलाधिकारी सी रविशंकर ने इस प्रकरण में प्रशासनिक अधिकारी ललित मोहन पोखरियाल, बहादराबाद सीएससी की चिकित्सक डॉ अनम सिंह, जिला अस्पताल और डीजीसी क्राइम से तमाम जानकारी हासिल करने के बाद प्रकरण की जांच बैठा दी। फिलहाल इस प्रकरण में जिलाधिकारी के न्याय का इंतजार है। विभागीय जांच की आंच साजिशकर्ताओं तक पहुंचना तय है। इसी के साथ सरकारी महकमे में कार्यरत सभी के लिए यह घटना एक सबक भी है। सहकर्मी किस तरह फंसाने का तानाबाना बुनते है और विभाग की छवि को धूमिल करते है। मीडिया का सहारा लेकर अपने मंसूबों को पूरा करने की कोशिश करते है। यह घटना निकृष्टता की पराकाष्ठा है।
बेटे की मौत के सदमे में दुखी इंसान को भी लोग अपनी साजिश का शिकार बना देते है।
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