दीपक चौहान.
डीएवी पब्लिक स्कूल, डिफेंस कॉलोनी, देहरादून में बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ इगास पर्व मनाया गया। बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सभी का मन मोहा। रामचरितमानस के विश्व विख्यात प्रसंग श्री राम-भरत मिलाप की जीवंत झांँकी ने सभी उपस्थितजनों को भाव विभोर कर दिया। बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया और नशे से दूर रहने की शपथ ली।

उत्तराखंड के प्रमुख इगास पर्व को डीएवी पब्लिक स्कूल देहरादून के बच्चों ने बड़े ही मनमोहक तरीके से मनाया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। प्रधानाचार्या श्रीमती शालिनी समाधिया जी के साथ-साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में करियर परामर्शदाता व प्रेरक वक्ता अशोक धस्माना, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ रमा गोयल, मनोवैज्ञानिक डॉ मुकुल शर्मा, व गढ़वाली गायिका श्रीमती पूनम सती ने बच्चों का मनोबल बढ़ाया।

इगास पर्व के शुभ अवसर पर विद्यालय प्रांगण को रंग बिरंगी झालरों व पुष्पों से सजाया गया व अतिथियों के आगमन के समय छात्रों द्वारा पुष्प वृष्टि की गई ।

विद्यालय के छात्रों व संगीत विभाग के शिक्षक वैभव आर्या ने स्वरचित व स्व कंपोज राम भजन प्रस्तुत किया। इस भजन के मृदुल स्वरों ने जहांँ श्रोताओं के हृदय में भक्ति रस का संचार किया वहीं रामचरितमानस के विश्व विख्यात प्रसंग श्री राम -भरत मिलाप की जीवंत झांँकी देख सभी दर्शक भाव विभोर हो गए।

20 वर्षों से समाज सेवी कार्यो से जुड़े डॉ मुकुल शर्मा ने छात्रों को प्रेरित करते हुए अपने संबोधन में कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी ने हमें ‘प्राण जाए पर वचन न जाए’ की सीख दी। इसी प्रथा को आगे बढ़ाते हुए डॉक्टर मुकुल शर्मा जी ने छात्रों को कभी नशा न करने और सदा सर्वदा नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई।

कार्यक्रम की इस श्रृंखला में हमारे छात्रों द्वारा शिक्षा के महत्त्व को दर्शाते हुए उत्तराखंड के लोक नृत्य व ढोल- नगाड़े की थाप पर रासो नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। उत्तराखंड की लुप्त होती संस्कृति को संरक्षित करने के उद्देश्य से एलोक्यूशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । जिसमें अलकनंदा सदन – प्रथम , भागीरथी सदन- द्वितीय व मंदाकिनी सदन ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

कक्षा 9 और 11 के छात्रों द्वारा उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों ने अपनी पाककला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में अलकनंदा सदन – प्रथम , भागीरथी सदन- द्वितीय व सरस्वती और मंदाकिनी सदन- तृतीय स्थान प्राप्त किया। जहांँ निर्णायक दल की सदस्य डॉ रमा गोयल जी ने छात्रों से उत्तराखंड की संस्कृति व पौष्टिक खाद्य पदार्थों के संरक्षण की बात कही वहीं श्रीमती पूनम सती जी ने छात्रों को अपनी सुरीली आवाज में उत्तराखंड की लोकगीत सुनाकर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।

विशिष्ट अतिथि अशोक धस्माना जी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि सर्वप्रथम हमें समाज में फैली बुराइयों के प्रति जागरूक होना आवश्यक है तत्पश्चात ही हम उनसे अपना बचाव कर सकते हैं। उन्होंने छात्रों को अनेक कहानियों के माध्यम से प्रेरित करते हुए कहा कि संपूर्ण विश्वास के साथ निरंतर कार्य करते हुए आगे बढ़े और जीवन में सफलता प्राप्त करें। धस्माना जी ने डीएवी शिक्षण संस्थाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संस्थान छात्रों की प्रतिभा निखारने में अपना विशेष योगदान दे रहे हैं।

प्रधानाचार्या शालिनी समाधिया अतिथिगणों का आभार व्यक्त करते हुए सभी को इगास पर्व की हार्दिक बधाई। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि आप सभी को अपनी प्रकृति-प्रेम एवं पर्यावरण हितैषी परंपराओं का संरक्षण व संवर्धन करने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए |



