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राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) से राजभवन में मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूड़ी ने भेंट कर आयोग की गतिविधियों, उपलब्धियों और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के प्रयासों की जानकारी दी। इस दौरान सूचना आयुक्त योगेश भट्ट, दलीप सिंह कुंवर, देवेंद्र कुमार और कुशला नंद भी उपस्थित रहे।
मुख्य सूचना आयुक्त ने अवगत कराया कि आयोग की स्थापना को 20 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस अवधि में प्रदेशभर में लोक सूचना अधिकारियों को 13 लाख 46 हजार 817 आवेदन प्राप्त हुए। प्रथम अपीलीय अधिकारियों के पास 1 लाख 35 हजार 430 आवेदन पहुंचे, जबकि आयोग स्तर पर अब तक 59 हजार 750 आवेदन दर्ज हुए हैं, जिनमें से 58 हजार 719 का निस्तारण किया जा चुका है। केवल 1,031 प्रकरण लंबित हैं, जिन पर तेजी से कार्यवाही चल रही है।
आयोग ने पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन द्वितीय अपील और शिकायत सुविधा शुरू की है। साथ ही लिखित बयान, अनुपालन रिपोर्ट व अन्य दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करने और प्रकरणों की ऑनलाइन ट्रैकिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। राधा रतूड़ी ने बताया कि द्वितीय अपीलों में देहरादून से 32 प्रतिशत और हरिद्वार से 25 प्रतिशत आवेदन आए हैं, जबकि चम्पावत, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और बागेश्वर जिलों से 1 प्रतिशत से भी कम आवेदन दर्ज हो रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम जनता और प्रशासन के बीच विश्वास, पारदर्शिता और जवाबदेही का सबसे सशक्त माध्यम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जिन जिलों में जागरूकता का स्तर कम है, वहां विशेष अभियान चलाए जाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग समय पर सही सूचना प्राप्त कर सकें। राज्यपाल ने सूचना के अधिकार को लोकतंत्र की मजबूती का आधार बताते हुए इसके व्यापक प्रचार-प्रसार पर बल दिया।



