प्रशांत शास्त्री
वो कायर निकला, कमजोर था लेकिन उसकी सात साल की मासूम बेटी बहुत हिम्मत वाली है। उसमें जिगर हैं। वो अपने पिता के जीवन को बचाने के लिये संघर्ष करती रही। चाकू लेकर आई। चुन्नी का फंदा काटा। पिता को किसी तरह बिस्तर पर ले गई। मकान मालिक को जगाया। लेकिन उस मासूम का नहीं मालूम था कि उसका पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। ये दर्दनाक मंजर उस घर का था जहां एक व्यक्ति ने जिंदगी के आर्थिक हालातों के सामने विवश होकर फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। पुलिस ने प्रथमदृष्टया व्यक्ति को देखकर मृत घोषित कर दिया। लेकिन परिवार और पुलिस ने मृतक के शव की मौत की पुष्टि के लिये जिला चिकित्सालय भिजवा दिया है। मृतक के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। आत्महत्या का कारण आर्थिक गरीबी बताया जा रहा है। घटना कनखल क्षेत्र की हैं।
कनखल के सर्वप्रिय विहार कालोनी, देव विहार निवासी हीरा लाल 35 पुत्र प्रेम बहादुर मूल रूप से नेपाल का रहने वाला था। वह अपनी पत्नी और तीन बच्चे अनिल 9 अमीता 7 और अमित 6 साल के साथ रहता था। हीरा लाल चौकीदारी का कार्य करता था। जबकि उसकी पत्नी सीता उर्फ संजना आस पडोस के घरों में झाडू पोछे का कार्य करती थी। रोजाना की तरह सुबह सात बजे सीता पडोस के घरों में काम करने चली गई। जबकि हीरा लाल अपने घर में था। बेटी अमीता ने बताया कि वह उठी तो देखा कि उसके पापा चुन्नी का फंदा बनाकर लटके हुये है। वह चाकू लेकर आई और चुन्नी के फंदे को काटना शुरू कर दिया। उसने चुन्नी काट दी और अपने पापा हीरालाल को बिस्तर पर लेटा दिया। जबकि उसका भाई पास में ही सोता रहा। वह भागती हुई मकान मालिक के पास गई। मकान मालिक ने पत्नी सीता और पुलिस को सूचना दी। सूचना पर कनखल एसओ अनुज सिंह दारोगा भूप लाल के साथ मौके पर पहुंच गये। पुलिस ने हीरालाल को देखते ही मृत घोषित कर दिया। हीरालाल के शव को देखने के बाद पत्नी सीता का रोरोकर बुरा हाल हो गया। लेकिन वहां खड़ी अमीता की नम आंखे अपने पिता के उठने का इंतजार करती रही। उसको नहीं मालूम कि उसके पापा अब इस दुनिया में नहीं है।