नवीन चौहान
अपने पापा की जिंदगी बचाने के लिये एक सात की बेटी ने जो काम किया वो काम तो बडे़-बडे़ नहीं कर पाते हैं। बेटी के हाथों में कोई कपकपाहट नहीं थी। उसको कोई डर भी नहीं लग रहा था। वह तो सिर्फ अपने पापा को बचाना चाहती थी। उस मासूम को तो ये भी नहीं मालूम था कि उसके पापा मर चुके है। वह अपने पापा को जगाने का प्रयास करती रही। लेकिन वो तो इस दुनिया को छोड़कर गहरी नींद सो गया था। आत्महत्या करने से पहले उस कायर ने एक बार भी इस मासूम बच्चों के बारे में नहीं सोचा। उसके मरने के बाद इन बच्चों की देखभाल कौन करेंगा।
कनखल के सर्वप्रिय विहार कालोनी, देव विहार कालोनी निवासी हीरालाल पुत्र प्रेम बहादुर ने गुरूवार सुबह चुन्नी का फंदा बनाकर टीनशेड के कमरे में फांसी लगा ली। इस समय कमरे में एक सात साल की मासूम अमीता सो रही थी। अचानक अमीता की आंख खुल गई। अमीता ने पापा को चुन्नी में लटके देखा तो बिना घबराये चाकू लेकर आ गई। उसने चाकू ने चुन्नी के फंदे को काटा। अमीता के मासूम से हाथों ने उस मौत के फंदे को काटने में जरा भी घबराहट नहीं थी। अमीता ने फंदे को काटने के बाद अपने पापा को बिस्तर पर लिटाया। वह पापा को उठाने का प्रयास करती रही। पापा पापा चिल्लाती रही। उसकी आंखो में आंसू नहीं है। उसको नहीं मालूम कि उसके पापा मर चुके है। वह तो यह सोचकर फंदा काट रही कि उसके पापा उठ जायेंगे। उसे गले लगायेंगे। लेकिन हीरालाल ने अमीता को बेसहारा कर दिया। वह अमीता और उसके दो भाई अमित और अनिल को मां के भरोसे छोड़कर दुनिया से अलविदा हो गया। लेकिन इस बहादुर बेटी को न्यूज127डॉट कॉम सलाम करता हैं।