21 विद्यालयों के लगभग 1000 विद्यार्थियों ने रंगों से रचा सृजन का उत्सव
हरिद्वार
दिल्ली पब्लिक स्कूल रानीपुर में शनिवार, 06 दिसम्बर 2025 को 33वीं अन्तर्विद्यालयी आशुचित्रकला प्रतियोगिता का भव्य एवं रंगारंग आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक कला महोत्सव में हरिद्वार एवं आसपास के 21 विद्यालयों से लगभग 1000 विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग कर अपनी रचनात्मक प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया।

भारतीय परिवेश के निरंतर बदलते स्वरूप और बच्चों की कल्पनाशील उड़ान को सशक्त मंच प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित इस प्रतियोगिता में बच्चों ने पार्क में एक दिन, मेरे पालतू जानवर, यदि मैं जानवरों से बात कर सकता, लोककथा के दृश्य, मेरी सबसे अच्छी मित्र, प्रौद्योगिकी रहित दुनिया, मेरे शहर का बदलता स्वरूप, भारत 2040: मेरा विज़न, हरिद्वार – जहाँ आध्यात्मिकता गंगा से मिलती है, मेरा खुशियों भरा स्थान, भारत के पर्व-त्योहार एवं सांस्कृतिक विरासत जैसे विषयों पर रंगों के माध्यम से अपनी भावनाओं को जीवंत रूप दिया।

किसी चित्र में हरकी पैड़ी की भव्यता झलकी तो कहीं ओम घाट की शांति, प्रकृति के मनोरम दृश्य, गंगा के पावन तट, अंतरिक्ष की उड़ान, लोककथाओं के दृश्य और विकसित भारत के सपने कागज़ पर साकार होते नजर आए। छोटे बच्चों ने अपने प्रिय कार्टून पात्रों और परियों की कल्पनात्मक दुनिया भी उकेरी। रंग-बिरंगे परिधानों में सजे विभिन्न विद्यालयों के बच्चे मैदान में मानो पुष्पों की भांति खिल उठे।

प्रधानाचार्य डॉ. अनुपम जग्गा ने किया प्रतियोगिता का उद्घाटन
प्रतियोगिता का विधिवत उद्घाटन डीपीएस रानीपुर के प्रधानाचार्य डॉ. अनुपम जग्गा ने किया। उन्होंने सभी प्रतिभागी विद्यालयों, उनके प्रधानाचार्यों, शिक्षकों, अभिभावकों एवं विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए कहा कि “कला कल्पना को उड़ान देती है और जीवन को रचनात्मकता व सकारात्मकता से भर देती है। आज के विषय न सिर्फ समसामयिक हैं, बल्कि भारत की संस्कृति, विरासत और भविष्य को भी दर्शाते हैं। इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की सहभागिता विद्यालय परिसर को वास्तव में आलौकिक बना रही है।”

उन्होंने बच्चों की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय कला सदैव प्रगति के पथ पर अग्रसर रहेगी और हमारे बच्चे किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।
32 वर्षों की परंपरा, सभी के लिए खुला मंच
उल्लेखनीय है कि डीपीएस रानीपुर द्वारा पिछले 32 वर्षों से यह प्रतियोगिता निरंतर आयोजित की जा रही है, जिसमें बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों एवं अभिभावकों को भी भाग लेने का अवसर दिया जाता है। यह प्रतियोगिता न केवल कला कौशल को प्रोत्साहित करती है, बल्कि विद्यार्थियों को भारत की संस्कृति, मूल्यों और समसामयिक विषयों से जोड़ने का भी सशक्त माध्यम है।
इस प्रतियोगिता में कक्षा प्रेप से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों के लिए आठ अलग-अलग वर्ग बनाए गए थे। साथ ही आकांक्षा विद्यालय के विशेष बच्चों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लेकर समाज में समावेशी शिक्षा का सुंदर संदेश दिया।
प्रतिभागी विद्यालय
इस कला महोत्सव में निम्न विद्यालयों ने प्रतिभाग किया—
मॉन्टफोर्ट रुड़की, गुरुनानक एकेडमी, यूपीएस, साई संस्कार, शीफील्ड, बटरफ्लाई, होली एंजेल्स, सेंट मैरी, मुंजाल, दीक्षा राइजिंग स्टार, माँ वैष्णो देवी जूनियर हाई स्कूल, आर्यन हेरिटेज स्कूल, क्रेसेंट पब्लिक स्कूल, पुलिस मॉडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल, श्री राम विद्या मंदिर (श्यामपुर), न्यू सेंट थोमस रोशनाबाद, माँ सरस्वती, शिवालिक हाइट्स, आकांक्षा, आचार्यकुलम एवं डीपीएस रानीपुर।
जनवरी में घोषित होंगे परिणाम
इस भव्य प्रतियोगिता का सफल संयोजन डीपीएस रानीपुर के कला विभाग द्वारा किया गया। प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा जनवरी 2026 में की जाएगी।



