नवीन चौहान. हरिद्वार। रेलवे पटरी पर चट्टान के दरकने के कारण गिरे बिजली के तारों और मलबे से निकलने का रास्ता एक बंदर ने पुलिस को सुझाया। बंदर के बिजली के तारों पर चलने से पुलिस को तारों में करंट नहीं होने का पता चला। बिजली के तार टूटकर गिरने से करंट से पेड़ जलकर राख हो गये। रेलवे पटरी पर मलबा आने से करीब दो घंटे हरिद्वार-देहरादून मार्ग बंद रहा। सभी रेलों को रोक दिया गया है। पुलिस रेलवे प्रशासन मलबे को हटाने की कोशिश कर रहा है। घटना सोमवार सुबह 12 बजे की है।
सोमवार की सुबह पुलिस को काली मंदिर के पास पहाडी से एक चट्टान के दरकने की सूचना मिली। सूचना मिलते ही हरकी पैडी चौकी प्रभारी देवेंद्र रावत पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। बिलती के तारों के रेल लाईन पर टूटकर गिरे होने के कारण वह राहत कार्य नहीं कर पाए। तभी एक बंदर ने उन्हें राहत कार्य का रास्ता सुझाया। बंदर बिजली के जारों पर पुलिस को चलता नजर आया। जिस कारण पुलिस ने माना की बिजली के तारों में करंट नहीं है। इतना पता लगते ही पुलिस कर्मी राहत कार्य में जुट गए। उन्होंने तत्काल रेलवे लाईन पर पड़े पेड़ां को हटवाने का कार्य किया। बिजली के तार गिरने से पेड बुरी तरह जल चुके थे। पुलिस ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को घटना की सूचना दी। विद्युत कर्मचारियों ने भी मौके पर पहुंच कर पहले विद्युत अपूर्ति बंद की उसके बाद तारों को हटाने का काम किया। रेलवे लाईन पर चट्टान का हिस्सा गिरने की सूचना से रेलवे प्रशासन में हडकंप मच गया। रेलवे के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर सबसे पहले लाईन पर आने वाली रेलों को रोका उसके बाद रेलवे लाईन पर पड़े चट्टान के मलबे को हटाने का काम किया। काफी मशक्कत के बाद रेलवे लाईन से मलबा साफ हो पाया। तब जाकर रेलवे व पुलिस कर्मियों ने राहत की सांस ली। चट्टान के गिरने से क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति भी बाधित हुई। समाचारलिखे जाने तक हरिद्वार-देहरादून रेलवे मार्ग बंद था। तथा मलबा हटाने का कार्य जारी है।


