संघ की पाठशाला के अनुशासित विद्यार्थी नरेश बसंल राज्य सभा में भी खूब गरजेंगे




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नवीन चौहान
संघ की पाठशाला के बेहद ही अनुशासित विद्यार्थी नरेश बसंल राज्य सभा में भी खूब गरजेंगे। वह जनता की आवाज बनकर उभरेंगे। जनता के हितों की रक्षा के लिए कार्य करेंगे। व्यापारी वर्ग की समस्याओं के लिए बेहतर कार्ययोजना बनाकर कार्य करेंगे। उत्तराखंड से निर्विरोध राज्य सभा सांसद निवार्चित होने के बाद नरेश बसंल से जनता की अपेक्षा भी अधिक है। इन अपेक्षाओं की कसौटी पर खरा उतरना अब उनकी नैतिक जिम्मेदारी भी है। ऐसे में राज्य सभा सासंद नरेश बसंल अब राजनीति का बड़ा चेहरा बन गए हैं। जीवन के अग्निपथ पर भी वह आगे निकल चुके हैं।
उत्तराखंड से निर्विरोध राज्यसभा सांसद बने नरेश बसंल किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। एक सामान्य परिवार में जन्मे नरेश बसंल का जीवन कठिन संघर्ष के दौर से गुजरा है। उन्होंने जिंदगी की तमाम तकलीफों को नजदीक से देखा है। एक आम आदमी की तरह जीवन व्यतीत किया है। संघ की शाखाओं की पाठशाला में अनुशासन और देशभक्ति का अध्ययन किया। उनकी वाणी में मिठास और जोड़ने की शक्ति है। जिस किसी से बात करते है, उनको अपना बना लेते है। अ​हंकार से कोसो दूर नरेश बसंल बेहद ही नम्र स्वभाव के है। राजनीति के सफर में भी उन्होंने आगे बढ़ने के लिए संगठन के प्रति निष्ठा नहीं छोड़ी। भाजपा संगठन की नीतियों का पालन किया। ​विधानसभा और लोकसभा के लिए टिकट की दावेदारी पेश की। टिकट नहीं मिला तो निराश नहीं हुए और पार्टी प्रत्याशियों के लिए पूरी शिददत से कार्य किया। भाजपा संगठन को मजबूत करने का कार्य किया। नरेश बसंल में खूबियों का अंबार है। उनकी सबसे बड़ी खूबी से है कि वह सभी जाति धर्म के लोगों को साथ लेकर चलने में यकीन करते है। देश के सर्वागीण विकास की परिकल्पना को अपने मन मस्तिष्क में संजोकर रखते है। यही कारण है कि उनके विरोधी भी उनका सम्मान करते है। राज्य सभा सांसद निवार्चित हुए तो नरेश बसंल ने सबसे पहले अपने पुराने दिनों के साथियों को याद किया। उनसे मिले और गले लगाया। अपने साथियों को भरोसा दिलाया कि वह आप ही के नरेश है। नरेश बसंल की यही काबलियत ही राजनीति में सबसे अलग बनाती है। नरेश बसंल को संगठन की शक्ति का एहसास है। नरेश बसंल अब उत्तराखंड में भाजपा को और मजबूत बनाने का कार्य करेंगे।