दीपक चौहान.
हरिद्वार में मंगलौर की जनता ने उप चुनाव में स्थानीय प्रत्याशी काजी निजामुददीन की जीत की राह को आसान बना दिया है। उनका विधानसभा पहुंचने का रास्ता साफ कर दिया है। जबकि बसपा प्रत्याशी अपने पिता की विरासत को बरकरार रखने में कामयाब होते दिखाई नहीं दे रहे है। भाजपा के करतार सिंह भड़ाना के बाहरी होने पर जनता ने अपनी मोहर लगा दी है। ऐसे में देखा जाए तो चुनावों की गिनती के बाद से ही भड़ाना पीछे चल रहे है।
मंगलौर उप चुनाव मेें जीत दर्ज करने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी थी। भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए साम, दाम दंड, भेद की रणनीति पर काम किया। भाजपा संगठन की तमाम रणनीति मंगलौर में जातिय समीकरणों के आगे हवा हवाई साबित हुई। कुल मिलाकर कहा जाए तो भाजपा के लिए मंगलौर विधानसभा को जीत पाना मुश्किल ही नही नामुमकिन है। यहां पर जातीय समीकरण भाजपा के विपरीत है। हालांकि करतार सिंह भड़ाना ने चुनाव को रोमांचकारी जरूर बनाया है। पूर्व केबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद की तारीफ करनी जरूरी हो जाती है कि उन्होंने उप चुनाव में अपना राजनैतिक कौशल दिखाया। दिन रात प्रत्याशी के लिए पूरी ईमानदारी के साथ मेहनत की। लेकिन वह हवा का रूख नही बदल पाए। स्वामी यतीश्वरानंद की मेहनत का असर है कि भाजपा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब हो पा रही है।