मृतकों को भी बांटी जा रही सरकारी प्रोत्साहन राशि
नवीन चौहान, हरिद्वार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार मुक्त भारत और प्रदेश की त्रिवेंद्र सिंह रावत की जीरो टालरेंस की सरकार में एक भ्रष्टाचार को उजागर करने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर पीड़ित व्यक्ति सरकारी अधिकारियों के चौखट पर चप्पल घिस रहा है। पूरा प्रकरण स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश व समाज को स्वच्छ रखने की प्रोत्साहन राशि में गड़बड़ी का है। नेता और अधिकारियों ने मिलीभगत कर वीपीएल परिवारों के शौचालय के लिये आये धन की बंदरबांट की है। इस प्रोत्साहन राशि को भी ग्राम प्रधान डकार गए। इतना ही नहीं मृतकों को भी प्रोत्साहन राशि बांट दी गई। मामले की शिकायत करने पर अब शिकायतकर्ता को जान से मारने व झूठे मामलों में फंसाने का आरोपी दबाव बना रहे हैं। प्रधानमंत्री के समाधान पोर्टल पर पर शिकायत करने के बाद जांच आने पर अधिकारी पीड़ित की सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं हैं। शौचालय के लिए आई प्रोत्साहन राशि मिलने के बाद भी कई घर आज भी शौचालय से वंचित हैं। इस घोटाले को उजागर करने वाला पीड़ित आदेश कुमार आज भी इंसाफ के लिये सरकारी अधिकारियों की ओर टकटकी लगाये देख रहा है।
आरटीआई कार्यकर्ता आदेश कुमार पुत्र श्री महात्तम सिंह निवासी ग्राम हसनावाला, पोस्ट बिहारीगढ़, भगवानपुर जिला हरिद्वार ने बताया कि वर्ष 2011 में केन्द्र सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत बीपीएल परिवारों के लिए ग्राम हसनावाला में शौचालय निर्माण के लिए 3200 रुपये की प्रोत्साहन राशि आई थी। प्रोत्साहन राशि ग्राम प्रधान में खाते में आई। यह धनराशि उन बीपीएल परिवारों को दी जानी थी जिनके यहां शौचालय नहीं हैं। या जिन्होंने शौचालय बनवा रखे हैं उन बीपीएल परिवारों को भी यह राशि मिलनी थी।
आदेश कुमार ने बताया कि प्रोत्साहन राशि पाने वालों में उनका नाम भी ग्राम प्रधान श्रीमती वकीला द्वारा दर्ज किया हुआ है। बताया कि आरटीआई में सूचना मांगने पर कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। बताया कि प्रोत्साहन राशि पाने वालों में अब्दुल रहमान पुत्र सद्दीक जिसकी वर्ष 1 सितम्बर 2010 में मृत्यु हो गई थी को वर्ष 2011 में प्रोत्साहन राशि देना दर्शाया गया है। शमीम अहमद पुत्र मौहम्मद हसन जो कि उर्दु में हस्ताक्षर करते हैं के हस्ताक्षर हिन्दी में दर्शाए गए हैं। ऐसे ही कुर्बान पुत्र शरीफ जो उर्दु में हस्ताक्षर करते हैं के हस्ताक्षर भी हिन्दी में दर्शाए गए हैं। इसके अलावा मौहम्मद हसन पुत्र गरीबू, मौहम्मद इदरीश पुत्र मकसूद, हारून पुत्र मुनीर, इदरीश पुत्र सद्दीक के हस्ताक्षर भी फर्जी तौर पर किए गए हैं। इस मामले की शिकायत पीड़ित आदेश कुमार ने सभी अधिकारियों को भेजी। वहां से कोई समाधान न होने पर हार कर आदेश कुमार ने मामले की शिकायत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समाधान पोर्टल पर की। जहां से जांच आने के बाद जिलाधिकारी दीपक रावत ने जांच सीडीओ को दी तथा सीडीओ ने जांच को स्वच्छ परियोजना निदेशक हरिद्वार को दी। स्वच्छ परियोजना निदेशक हरिद्वार ने जांच के लिए अपने अधीनस्थ पेयजल स्वच्छता समन्वयक शैलन्द्र पंत को दी। जिन्होंने 24.10.2017 को स्थलीय जांच की और आदेश कुमार द्वारा लगाए गए आरोपों को सही पाया। तथा अपनी जांच रिपोर्ट अधिकारियों को सौंप दी। बावजूद इसके आरोपियों के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। धोखाधड़ी के खेल का मास्टर माइंड अब पीड़ित आदेश कुमार को प्रताड़ित करने में लग गया है। आदेश कुमार ने बताया कि आरोपियों द्वारा उन पर लगातार समझौते का दबाव बनाया जा रहा है। समझौता नहीं करने पर पीड़ित को झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी दी जा रही है। इस संबंध में जब न्यूज127डॉट कॉम ने सीडीओ स्वाति भदौरिया से बात की गई तो उन्होंने इस प्रकरण को बेहद गंभीर बताया है। उन्होंने कहा कि पीड़ित को इंसाफ मिलेगा और दोषियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रकरण की रिपोर्ट में धोखाधड़ी की पुष्टि होने की जानकारी मिली है। रिपोर्ट टेबल पर आते ही कार्रवाई की जायेगी।
ऐसे खुला घोटाला
ग्राम हसनावाला में 87 वीपीएल परिवारों के लिये दो लाख 78 हजार 400 रूपये की प्रोत्साहन राशि साल 2011 में आवंटित की गई थी। तत्कालीन ग्राम प्रधान वकीला का गांव के निवासी आदेश कुमार के नाम पर प्रोत्साहन राशि 3200 जारी कर दी गई। लेकिन आदेश कुमार को ये राशि नहीं मिली। जिसके बाद आदेश को जब इस राशि के बारे में ग्राम प्रधान वकीला से जानकारी जुटाई गई तो उसने आदेश कुमार को ही पैंसा देने की बात कहीं। जिसके बाद आदेश कुमार ने सूचना अधिकार का प्रयोग करके सभी प्रोत्साहन राशि पाने वालों की सूची हासिल की गई। सूचना के अधिकार में एक मृतक व सात अन्य व्यक्तियों के नाम गलत तरीके से हस्ताक्षर कर प्रोत्साहन राशि देने की बात उजागर हुई। जिसके बाद से ही आदेश कुमार सच की लड़ाई को आगे लेकर इंसाफ दिलाने की कोशिश कर रहा है।




